बालक/बालिकाओं के अधिकारो एवं बाल विवाह से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी देकर किया जागरूक
कवर्धा। कबीरधाम जिले के थाना चिल्फी अंतर्गत सुदूर वनांचल गांव में एक नाबालिग बालक का विवाह कराये जाने की सूचना मिलने पर महिला एवं बाल विकास विभाग जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग एवं पंचायत की टीम ने तत्परता से नाबालिक के घर संयुक्त रूप जाकर बालक की उम्र संबंधी दस्तावेजों का परीक्षण किया जिसके अनुसार बालका की आयु 16 वर्ष पाया गया, जो कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अनुसार विवाह योग्य उम्र से कम है। सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग ने नाबालिक बालक के विवाह योग्य उम्र 21 वर्ष होने के पश्चात ही विवाह करने हेतु बालक एवं उनके परिजनो को समझाइस दिया।
बाल विवाह रोकथाम दल में शामील जय सिंह मरावी डीएसपी एवं नोडल अधिकारी विषेष किषोर पुलिस इकाई ने नाबालिक बालक व उनके परिवार एवं स्थल पर उपस्थित लोगों को जागरूक करते हुए बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के बारे में बताया जिसमें 21 वर्ष कम उम्र के लड़के और 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित किया गया है तथा कोई व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है, करता है अथवा उसमें सहायता करता है, को 2 वर्ष का कठोर कारावास अथवा जुर्माना हो 1 लाख रूपये तक हो सकता है अथवा दोनो से दण्डित किया जा सकता है की जानकारी दिया।
बाल विवाह प्रतिषेष अधिकारी संदीप पटेल ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की विस्तृत जानकारी देते हुए कम उम्र में विवाह होने से बालक बालिका एवं उनके भविष्य एवं दाम्पत्य जीवन में आने वाले परेषानियों व समास्याओं के बारे में बाताये साथ विवाह रोकने हेतु हिदायत दिये। बाल विवाह रोकथाम दल द्वारा नाबालिक के परिवार जनो को काफी देर समझाने के बाद मौके पर पंचनामा तैयार कर नाबालिक बालक को बाल कल्याण समिति के आदेषानुसार बालगृह भेजा गया।
इस कार्यवाही के दौरान सत्यनारायण राठौर जिला बाल संरक्षण अधिकारी, जय सिंह मरावी डीएसपी पुलिस विभाग, संदीप पटेल बाल विवाह प्रतिषेष अधिकारी, जागेष्वर पटेल सचिव, गोरेलाल यादव सरपंच, देवकली झारिया कोटवार, कार्यकर्ता, मितानीन, पंचगण, ग्रामवासी एवं डायल 112 की टीम व पुलिस बल उपस्थित थे।