पिछले वर्ष पतले धान की कीमत 2500/- क्विंटल और मोटे धान की कीमत 2250/- क्विंटल था
बिलासपुर। भारतीय किसान संघ नेता धीरेन्द्र दुबे ने सरकार पर किसानों के साथ धोखाबाजी करने का आरोप लगाया है। किसान सघ जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र ने बताया कि सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना राशि वितरण में 25 प्रतिशत की कटौती कर अन्याय किया है। अब बीजों के दाम में वृद्धि कर किसानों की कमर तोड़ने की साजिश की गयी है। इसे हरगिज बर्दास्त नहीं किया जाएगा। जल्द ही किसानों के साथ बैठक कर सरकार के तुगलकी फरमान के विरोध का निर्णय लिया जाएगा। भारतीय किसान संघ जिला अध्यक्ष धीरेन्द्र दुबे ने बीज विकास निगम से जारी बीजों के दाम में बृद्धि वाले आदेश का विरोध किया है। किसान नेता ने बताया कि एक दिन पहले बीज विकास निगम ने आदेश जारी कर खरीफ फसलों के बीजों के दाम में बृद्धि किया है। आदेश के अनुसार धान के सभी किस्मों के साथ ही कोदो गुटकी, रागी, अरहर, उडद मूंग सोयाबीन, मूंगफली तिल रामतिल ढेंचा सनई बीज के बीजों के दामों में बेतहासा बृद्धि हुई है। धीरेन्द्र ने बताया कि राज्य सरकार की तुगलकी फरमान को हरगिज बर्दास्त नहीं किया जाएगा। एक तरफ सरकार घोषणा के बाद भी धान का समर्थन मूल्य नहीं दे रही है। किसानों को दिए जाने वाल प्रोत्साहन राशि में भी 25 प्रतिशत की कटौती की गयी है। अब खरीफ फसल के सभी बीजों पर दाम वृ्द्धि कर किसानों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया जा रहा है। जाहिर सी बात है कि बीजों के महंगे होने से उत्पादन भी महंगा होगा। चूंकि कोरोना प्रकोप के चलते बाजार की हालत खस्ता है। ऐसी सूरत में किसानों को पैदावार का दाम मिलना भी मुश्किल होगा। यह जानते हुए भी कि आम जनता से कहीं ज्यादा किसान कोरोना की मार से पीड़ित है। बावजूद इसके बीजों के दाम में बृद्धि सरकार की तानाशाही मानसिकता को जाहिर करता है। इसे हरगिज बर्दास्त नहीं किया जाएगा। मामले को लेकर सभी किसान बैठक करेंगे। इसी दौरान सरकार की तुगलकी फरमान के विरोध का निर्णय लिया जाएगा।