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कवर्धा नगर की सड़कों पर गुंजी नारी शक्ति, सैकड़ों महिलाओं ने निकाली संस्कृति रक्षा यात्रा

कवर्धा नगर की सड़कों पर गुंजी नारी शक्ति, सैकड़ों महिलाओं ने निकाली संस्कृति रक्षा यात्रा

कवर्धा। हमारी भारतीय सनातन संस्कृति की महानता को पूरे विश्व में सदैव स्वीकारकार किया है। इतिहास साक्षी है कि हमारी सनातन संस्कृति को मिटाने के लिए विदेशी आक्रमण हुए परंतु कुछ बात है कि हस्ती मिटती नहीं हमारी, सदियों रहा है दुश्मन दौरे-ए-जमां हमारा ,अगर हमारी संस्कृति जीवंत हैं तो वह हमारे ऋषि-मुनियों को संतो की बदौलत ही है। विदेशी आक्रमणों के सामने संत राष्ट्र व संस्कृति के सुरक्षा कवच है।

यह एक विडंबना ही है कि जिन संतों ने समाज के सभी वर्गों में प्रेम, शांति, सद्भावना एवं अध्यात्मा का संचार किया है तथा राष्ट्र की राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित किया है, उनको राष्ट्र विरोधी ताकतों द्वारा षड्यंत्र का शिकार बनाया जा रहा है। निर्दोष संतों पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें बदनाम करने के जघन्य अपराध हो रहे हैं। प्रचार माध्यमों का दुरुपयोग कर उनकी छवि को धूमिल करने के प्रयास हो रहे हैं।

सनातन संस्कृति के आधार स्तंभ कहे जाने वाले संत महापुरुषों को न्याय दिलाने के लिए पूज्य संत श्री आसाराम जी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल कवर्धा की बहनों के द्वारा विश्व महिला दिवस के अवसर पर सनातन संस्कृति की रक्षा करने वाले संत महापुरुषों को न्याय दिलाने के लिए तथा महिला सुरक्षा के नाम पर कानून का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कठोर कार्यवाही करने के लिए कवर्धा नगर में भव्य वाहन यात्रा निकालकर महिला उत्थान मंडल की बहनों ने जनसमाज एवं शासन प्रशासन के बीच अपनी बात रखी।

संस्कृति रक्षा यात्रा की शुरुआत स्वामी विवेकानंद भवन से की गई। जो कि नगर भ्रमण करते हुए राजमहल चौक, बूढ़ा महादेव, नवीन बाजार, गुरुनानक गेट, रामनगर, कैलाश नगर, शिक्षक नगर, आदर्श नगर, होते हुए भारत माता चौक में यात्रा का समापन हुआ। रैली के दौरान सभी महिलाएं अपने हाथों में तख्ती व सनातन धर्म के प्रतीक भगवा झंडा, सिर पर भगवा पगड़ी बांधे हुए, तख्ती पर सरकार से अपनी मांगे तथा सुंदर प्रेरणादाई स्लोगन लिखी हुई थी।

नारी तू नारायणी, भारत माता की जय घोष करते प्रेरणादाई गीत साउंड के माध्यम से बजाते हुए जिस पथ पर से यह यात्रा निकली देखने वाले को भी सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा दे गई।पहली बार विश्व महिला दिवस के अवसर पर सैकड़ों की संख्या में महिलाओं व युवतियों को अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते हौसलों को देखकर नगरवासी भी आश्चर्यचकित हो गए।

महिला उत्थान मंडल की बहन स्वाति नुरुटी ने बताया कि कांची कमाकोटी पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को एक झूठे केस में फंसाकर कारावास में डाल दिया गया था। 9 वर्षों के बाद सर्वोच्च न्यायालय से उनको आदर पूर्वक बरी किया गया। क्या उनके द्वारा जेल में बिताया गया समय वापस मिल पाया? क्या उनके सानिध्य से वंचित समाज को हुई हानि की भरपाई हो पाई? आखिर इसका जिम्मेदार कौन है इसी प्रकार से साध्वी प्रज्ञा जी व अन्य संतों को झूठे व बेबुनियाद मामलों में फंसाकर भारतीय संस्कृति को कमजोर करने की पुरजोर कोशिश की गई। इतना ही नहीं पिछले 57 वर्षों से जिन्होंने समाज व देश में संयम, सदाचार, सत्य, धर्म, शांति, मानवता व नैतिक मूल्यों की पुनःस्थापना की है व आध्यात्मिक क्रांति का उद्घोष किया है, जिनकी प्रेरणा व मार्गदर्शन से चल रहे अनेकविध सेवा कार्यो ने कई सामाजिक, राष्ट्रीय व वैश्विक समस्याओं का असर कारक समाधान दिया है, जिनके वचनों का सेवा कार्यों से किसी मत-पंथ-संप्रदाय-जाति के भेदभाव के बिना देश-विदेश के करोड़ों लोग लाभान्वित हो रहे हैं, ऐसे करोड़ों लोगों की श्रद्धा के केंद्र व निष्काम कर्मयोगी के प्रेणेता पूज्य संत श्री आसाराम जी बापू को भी यंत्र के तहत झूठे आरोप में फंसाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। परिणाम स्वरूप समाज उत्थान के सेवा कार्यों में व्यवधान उत्पन्न होने से समाज को जो हानि हुई है, उसकी भरपाई कभी नहीं हो पाएगी यह बहुत ही चिंताजनक है कि कई गंभीर रोगों से ग्रस्त 87 वर्षीय पूज्य बापूजी को इतने लंबे अंतराल में भी कभी कोई राहत नहीं दी गई। उनकी धर्मपत्नी का स्वास्थ्य भी गंभीर बीमारियों की वजह से अत्यंत खराब होने पर भी उन्हें 1 दिन की जमानत, पैरोल या फर्लों तक भी नहीं दी गई।गत 9 वर्षों से भी अधिक समय से कारावास में रहने के बावजूद आज भी पूज्य बापू जी की पावन प्रेरणा से विश्वभर में विभिन्न कल्याणकारी सेवाकार्य निष्काम भाव से किए जा रहे हैं। विशेषकर महिलाओं के सर्वांगीण विकास हेतु महिला उत्थान मंडल की स्थापना की गई है जिनकी शाखाएं निरंतर सेवाकार्यों में अग्रसर हैं। प्राणीमात्र के हितैषी, दूरदृष्टि संतों के प्रवचनों/सद्विचारों एवं उनके मार्गदर्शन में किए गए लोक हितकारी सेवाकार्यों से समाज में आसानी से रामराज्य स्थापित किया जा सकता है।

इस अवसर पर महिला उत्थान मंडल की अध्यक्ष शितली वर्मा, सुलोचना तारम, कांति साहू, रजनी ठाकुर, किरण साहू, स्वाति नुरूटी, गायत्री यादव, यामिनी यादव, श्वेता साहू, रश्मि वर्मा, सरिता लहरें, शान्ति नागवांनी, गिरजा रजक, देवला निर्मलकर, भावना जयसवाल, और सैकड़ों की संख्या में बहने उपस्थित रहे।

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