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खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राकेश पांडेय के मुख्य आतिथ्य में तीन दिवसीय जिला स्तरीय राज्योत्सव का भव्य आयोजन

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो केसीजी

छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2025 :

मुख्य अतिथि ने कहा — छत्तीसगढ़ सर्वांगीण प्रगति की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है

मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों ने विभागीय प्रदर्शनी का किया अवलोकन

लोकनृत्य, गीत और पारंपरिक वाद्य-यंत्रों की प्रस्तुति से उत्सव स्थल गूंजा “छत्तीसगढ़िया” रंग में

खैरागढ़, 03 नवम्बर 2025
छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर राजा फतेह सिंह खेल मैदान में तीन दिवसीय जिला स्तरीय राज्योत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष राकेश पांडेय ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ आज सर्वांगीण प्रगति की दिशा में तेजी से अग्रसर है। पिछले 25 वर्षों में आम जनजीवन में व्यापक परिवर्तन आया है, अब छत्तीसगढ़ की पहचान देश के विकसित राज्यों में की जाती है।

श्री पांडेय ने कहा कि यह वर्ष हम सबके लिए विशेष महत्व का है, क्योंकि हम छत्तीसगढ़ राज्य के गठन की रजत जयंती मना रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी ने छत्तीसगढ़ राज्य बनाकर प्रदेशवासियों का सपना साकार किया था। राज्य सरकार इस वर्ष को “अटल निर्माण वर्ष” के रूप में मना रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के संकल्प के अनुरूप हमें विकसित छत्तीसगढ़ के लक्ष्य की ओर मिलकर कार्य करना है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य ने “अंजोर विजन डॉक्युमेंट 2047” तैयार किया है, जो आने वाले वर्षों में विकास का मार्गदर्शक बनेगा।

मुख्य अतिथि ने राज्य के निर्माण में योगदान देने वाले सभी जनप्रतिनिधियों और नागरिकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बीते वर्षों में आवास, कृषि, धान खरीदी, महतारी वंदन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, सिंचाई तथा जनकल्याण के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। श्री पांडेय ने छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर राजगीत के साथ कार्यक्रम का आरंभ किया।

कार्यक्रम में कलेक्टर  इंद्रजीत सिंह चंद्रवाल ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि राज्योत्सव छत्तीसगढ़ की संस्कृति, विकास और गौरव का प्रतीक है। जिले के गठन के बाद से यहां के प्रत्येक क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने बताया कि राज्योत्सव के अवसर पर विभिन्न विभागों की प्रदर्शनी, फूड स्टॉल और सांस्कृतिक मंच की व्यवस्था की गई है, ताकि नागरिकों को शासन की योजनाओं की जानकारी के साथ मनोरंजन का भी अवसर मिल सके।

प्रथम दिवस में स्कूली छात्र-छात्राओं एवं लोक कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा और वाद्य यंत्रों के साथ छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य, गीत और नाट्य प्रस्तुति दी। “छत्तीसगढ़ महतारी” और “हमर छत्तीसगढ़” जैसे लोकनृत्य विशेष आकर्षण का केंद्र बने। मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथियों ने विभागीय स्टॉलों का अवलोकन कर विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली।

इस अवसर पर पूर्व विधायक  कोमल जंघेल, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती गिरजा चंद्राकर, सांसद प्रतिनिधि  धम्मन साहू, पुलिस अधीक्षक  लक्ष्य शर्मा, जिला पंचायत सीईओ  प्रेम कुमार पटेल, अपर कलेक्टर  सुरेंद्र कुमार ठाकुर सहित अनेक अधिकारी, जनप्रतिनिधि, मीडिया प्रतिनिधि एवं नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

जिला स्तरीय राज्योत्सव में प्रतिभाओं ने बिखेरा रंग

नवीन शासकीय महाविद्यालय, जालबंधा द्वारा लोकनृत्य और हमर छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक झलक प्रस्तुत की गई।
वीरांगना अवंतीबाई शासकीय महाविद्यालय, छुईखदान द्वारा समूह नृत्य और कर्म नृत्य प्रस्तुत किए गए।
रानी रश्मि सिंह शासकीय महाविद्यालय, खैरागढ़ द्वारा “बरसाती रिमिक्स” नृत्य और शासकीय पॉलिटेक्निक खैरागढ़ द्वारा पंथी, कर्मा, दरदरिया जैसे सामूहिक नृत्यों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय, खैरागढ़ के विद्यार्थियों ने लोकनृत्य और भरतनाट्यम प्रस्तुति के माध्यम से राज्यगीत को साकार रूप में प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।

विभागीय प्रदर्शनी बनी आकर्षण का केंद्र

राज्योत्सव समारोह स्थल पर शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, कृषि, स्वास्थ्य, पशुपालन, उद्यानिकी, महिला एवं बाल विकास, वन एवं जलवायु परिवर्तन, आदिवासी विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, क्रेडा, विद्युत वितरण, जल संसाधन, लोक निर्माण, जनसंपर्क तथा पुलिस विभाग सहित अनेक विभागों ने अपनी योजनाओं की प्रदर्शनी लगाई। इन स्टॉलों पर नागरिकों ने शासन की योजनाओं और उपलब्धियों की जानकारी प्राप्त की।

तीन नवम्बर को लोकसंस्कृति की झलक, चार नवम्बर को नव प्रतिभाओं का संगम

राज्योत्सव के दूसरे दिन ग्रामीण अंचलों से आए कलाकार लोकगीतों और नृत्यों की प्रस्तुति देंगे।
हाथीझोला, मुंडाटोला और कोदवा के कलाकार लोकनृत्य प्रस्तुत करेंगे।
स्वर रागिनी लोककला मंच, छुईखदान और लोकरंग, अर्जुन्दा की प्रस्तुति विशेष आकर्षण रहेंगी।

चौथे व अंतिम दिन स्कूली छात्र-छात्राएँ समूह नृत्य, नाट्य और गीत प्रस्तुत करेंगे।
दूधमोंगरा गंडई के कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य-संगीत प्रस्तुत किया जाएगा।

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