18 वर्षो से श्रमिकों एवं कर्मचारियों का शोषण जारी, अब नहीं होगा बर्दास्त ,24 घंटे के अंदर टूल डाउन हड़ताल – जगदीश बंजारे
कवर्धा । भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना राम्हेपुर में श्रमिक एवम कर्मचारी कल्याण संघ ने मांगे पूरी नहीं होने पर 24 घंटे के बाद कारखाने के अंदर टूल डाउन हड़ताल की तैयारी कर ली है।
विदित हो की 2014 में कारखाने के प्रबन्ध संचालक , कलेक्टर ,सहकारिता विभाग एवम एटक यूनियन के बीच 62 वा बोर्ड मीटिंग हुआ था , जिसमे सहमति बनाते हुए पारित किया गया था की यूनियन की सभी मांगों को गंभीरता से लेंगे ,तथा कलेक्टर पी दयानंद द्वारा आश्वाशन भी दिया गया था ,की यूनियन की मांगों को अनुमोदन हेतु रजिस्टार को प्रेषित कर दिया गया है,और अति शीघ्र अनुमोदिन कर दिया जायेगा परंतु अभी तक इनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया ।
यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर कुछ दिनों पहले कारखाना प्रबंध संचालक को दो बार अल्टिमेटम दिया है, परन्तु इनकी उक्त मांगों पर ध्यान नहीं दिया,जिसके चलते कारखाना में कार्यरत समस्त इंजीनियर, कर्मचारी एवम् श्रमिक कारखाना प्रबंधक के खिलाफ अक्रोशित है,और यूनियन हड़ताल के लिए तैयार है।
कारखाना यूनियन के अध्यक्ष जगदीश बंजारे का कहना है, की 18 वर्षो से श्रमिको एवम कर्मचारियों की व्यापक शोषण एवम सभी श्रमिको को बंधुआ मजदूरो की तरह रखा गया है ।प्रबंध संचालक द्वारा श्रम प्रावधानों के खुला ऊंघन किया किया रहा है,तथा आदर्श सेवा नियम का पालन नही किया गया है। प्रबंध संचालक के अनुभवहीनता की फायदा कारखाना में पदस्थ अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा उठाया जा रहा है।
क्या है, कारखाने मजदूर कल्याण संघ की मांगे……….जानिए
1. भोरमदेव शक्कर कारखाना में 2014में श्रमिकों की विभिन्न समस्याओं एवम मांगों पर प्रबंधक और यूनियन के बीच सहमति बनाकर प्रस्ताव पारित किया गया था,की रिक्त पदों की भर्ती को जायेगी,परंतु प्रबन्धक की लापरवाही के चलते आज पर्यंत हम श्रमिक हित में कार्य नहीं किया गया।
2. कारखाना के समस्त कार्यरत ठेका श्रमिको के शैक्षणिक योग्यता एवम वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति पत्र जारी किया जावे एवम नियुक्ति पत्र नहीं देने पर कार्यरत समस्त ठेका श्रमिको को सेंग्सन पद के अनुरूप वेतन निर्धारित की जावे।
3. कारखाने के कार्यरत श्रमिक जिनका 10 वर्ष कार्य पूर्ण हो चुका है, उन्हे फिक्स वेतन कर वेतन बढ़ोत्तरी कर दी जाए।
4. कारखाना अधिनियम के धारा 59(1) में स्पष्ट प्रावधान है की ओवर टाइम के संदर्भ में Ordinary rates of wages in twice दोगुना देना होगा,जिसमे साप्ताहिक, शासकीय, अन्य अवकाश एवं अतिरिक्त कार्य शामिल हैं।