कवर्धा : चिल्फी घाटी में कड़ाके की ठंड का असर, ओस की बूंदें सफेद चादर में तब्दील, इस बार अधिक ठंड की संभावना

कवर्धा : चिल्फी घाटी में कड़ाके की ठंड का असर, ओस की बूंदें सफेद चादर में तब्दील, इस बार अधिक ठंड की संभावना

टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ कबीरधाम : कवर्धा जिले के पहाड़ी इलाकों में सर्दी ने दस्तक दे दी है। कबीरधाम जिले का चिल्फी घाटी क्षेत्र जिसे लोग प्यार से छत्तीसगढ़ का मिनी शिमला कहते हैं। इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है। मंगलवार-बुधवार की दरयानी रात और बुधवार की भोर में घाटी क्षेत्र में न्यूनतम तापमान गिरकर 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। ठंडी हवाओं और नमी के चलते खेतों, बाग-बगीचों और पत्तियों पर जमी ओस बर्फ के रूप में जमने लगी।
सुबह-सुबह जब सूरज की हल्की किरणें घाटी में उतरने लगीं, तो हर तरफ सफेद चमकती बूंदों ने मनमोहक नजारा बना दिया। पेड़ों की पत्तियों, घास, फू ल और पैरावट पर ओस जमने से ऐसा प्रतीत हुआ मानो पूरी घाटी बर्फ की चादर में लिपट गई हो। सर्दी बढ़ने के साथ ही चिल्फ ी घाटी में घूमने आने वालों की संया बढ़ने लगती है। हालांकि इस बार ठंड जल्दी आ गई है। जबकि यह नजारा दिसंबर में ही दिखाई देता है। यहां की पहाड़ियों, झरनों और जंगलों के बीच सुबह के समय उठती धुंध और बर्फ ीली ओस लोगों को पहाड़ी प्रदेशों की याद दिलाती है। चूंकि अब ठंडकता बढ़ रही है तो पर्यटक भी पहुंचने लगेंगे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि यह मौसम यहां की प्राकृतिक सुंदरता को और भी आकर्षक बना देता है। घाटी क्षेत्र में अब सुबह और देर शाम हाड़ कंपा देने वाली ठंड महसूस की जा रही है। स्थानीय दुकानदारों ने बताया कि पिछले दो-तीन दिनों से सुबह के समय बाजारों में सन्नाटा पसरा रहता है और लोग अंगीठी और अलाव जलाकर खुद को गर्म रखने की कोशिश करते दिखते हैं। दिन के समय भी ठंडी हवाएं बह रही हैं जिससे लोगों ने गरम कपड़े और ऊनी वस्त्र निकाल लिए हैं।


