कवर्धा:- वन विनाश के कारण विभागीय अमला , वर्षो से जमे हुए है कर्मचारी ।

VIKASH SONI

वन विनाश के कारण विभागीय अमला ,वर्षो से जमे हुए है कर्मचारी

कवर्धा , कबीरधाम वन मंडल में बहुत से अधिकारी कर्मचारियों का गृह क्षेत्र तथा एक ही स्थान पर वर्षो से जमे होने के कारण वन क्षेत्र का रकबा घटते जा रहा है। इनका माफियाओं से सीधा संपर्क , अवैध कटाई सहित निर्माण कार्यों में फर्जीवाड़ा में मिलीभगत होने की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता। वर्षो से एक ही स्थान पर जमे कर्मियों को इधर से उधर करने पर अवैध कारोबार पर अंकुश लग सकता है।

अंगद की पैर की तरह जमे कर्मचारी

कबीरधाम वन मंडल कार्यालय सहित परीक्षेत्र अधिकारी कार्यालय और बिट में एक ही स्थान पर वर्षो से कुछ अधिकारी कर्मचारी जमे हुए है साथ ही लिपिक वर्गीय कर्मचारियों की भी वही हाल है। जिस स्थान पर उनकी प्रथम नियुक्ति होता है उसी जगह से सेवानिवृत होते देखे जा सकते है। जिसके चलते उनका सभी तरह के लोगो से संबंध हो जाता है और कार्यवाही करने के बजाए संबंध निभाते हुए दिखाई देते हैं।

कार्यवाही के बजाए संबंध निभाते हैं अमला

एक ही स्थान पर वर्षो से जमे होने के कारण माफियाओं , तस्करों से सीधा संपर्क स्थापित हो जाता है साथ ही क्षेत्र वासियों से भी संबंध मधुर हो जाता है जिसके चलते जंगल की कटाई कर अवैध कब्जा करने वाले के ऊपर कार्यवाही करने में झिझकते है। उनके ऊपर कार्यवाही करने के बजाए उन्हें ज्ञान की पाठ पढ़ाते हुए रिश्तेदारी निभाते हुए उन्हें बचाने का भरपूर कोशिश करते दिखाई देते है ।

अवैध कटाई,अतिक्रमण के जिम्मेदार है विभाग

जंगलों की अवैध कटाई और अतिक्रमण की जानकारी कोई व्यक्ति गोपनीय तरीके से उच्च कार्यालय को देता है तो उच्च कार्यालय अपने अधिस्थ को ही कार्यवाही करने हेतु निर्देशित करते है। जिसपर कार्यवाही करने के बजाए आरोपियो को शिकायत करने वाले के नाम को पहले से ही बता दिए जाते है जिसके चलते माफियाओ और आरोपियों के हौसले बुलंद दिखाई देते हैं । विभागीय कर्मचारी उनसे मिल कर गलत कार्यों को अंजाम देने में कोई कसर नहीं छोड़ते ।

स्थानांतरण की आवश्यकता

वन मंडल अधिकारी के विशेषाधिकार है कि वो अपने कार्यक्षेत्र में कार्यरत अधिकारी कर्मचारियों को प्रशासनिक व्यवस्था के चलते इधर से उधर स्थानांतरण कर सकते हैं। कुछ कार्यालयीन और गैर कार्यालयीन कर्मचारी जो वर्षो मे एक ही स्थान पर अंगद की पैर की तरह जमे हुए है उनका सूची तैयार कर फेरबदल करने की आवश्यकता है जिससे कार्य में सुधार आने की संभावना है और भाई भतीजावाद प्रथा खत्म हो जाएगा।

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