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जिले के शिक्षक की अनोखी पहल

जिले के शिक्षक की अनोखी पहल

कुंडा – जिला के विकासखंड पंडरिया के एक शिक्षक ने अप्रवासी शालात्यागी बच्चों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की है। उन्होंने उन बच्चों के लिए स्कूल बैग, कापी, पेन व वाहन की व्यवस्था कर उन्हें शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़े रहने हेतु अजीब कारनामा किया है । आपको बता दूं स्कूल गांव के आसपास के बच्चे शिक्षा से वंचित ना रहे इसीलिए उन्होंने अपनी स्वयं की वाहन से बच्चों को नि:शुल्क स्कूल तक लाने और ले जाने के लिए लगातार तीन सालो से कार्य कर रहे है। उन्होंने अभी तक 25 बच्चों को अभी तक शाला में प्रवेश दिलाने में कामयाब रहे। उन बच्चों की संपूर्ण पढ़ाई का खर्च स्वयं अपनी जेब से वाहन करते हैं और बेहतर शिक्षा के लिए शिक्षक की इस प्रयास से आस-पास के पालक और बच्चों में एक नई उमंग और शिक्षा के प्रति जागृति आई है। यह स्कूल क्षेत्र में चुम्बकीय स्कूल के रूप में पहचान बना रही है।

ये शिक्षक सामुदायिक सहभागिता से शाला में संपूर्ण भौतिक सुविधा की व्यवस्था करने में कामयाब रहे है। विद्यालय का आकर्षक प्रिंट-रिच वातावरण,आकर्षक गार्डेनिंग,स्मार्ट एलईडी टीवी, प्रोजेक्टर के माध्यम से शिक्षा, प्रत्येक कक्षा में ग्रीनबोर्ड, सभी बच्चों को बैठने के लिए टेबल कुर्सी, आकर्षक टीचिंग लर्निंग मटेरियल, विविध पाठ्य सहगामी क्रियाकलाप,खेल सामग्री, खेल प्रशिक्षण, योग शिक्षा, भयमुक्त वातावरण, निशुल्क गणवेश, पाठ्यपुस्तक, स्लेट-पेंसिल, अनुसूचित जाति और जनजाति की बालिकाओं को छात्रवृत्ति, दिव्यांग छात्रों को विशेष सहायता, शासन द्वारा निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण आदि की सुविधा स्कूल को बेहतर बनाता है। जीवनोपयोगी शिक्षा प्रदान की जाती है।

प्राथमिक स्तर से ही बच्चों को व्यवसायिक शिक्षा के तहत स्किल डेवलपमेंट शिक्षा पर भी जोर देते हुए बच्चों को संगीता कला, कंप्यूटर, सिलाई- कढ़ाई, मूर्तिकला, ललित कला आदि पर कार्य करें रहे है जिससे बच्चें स्वलंबी बने। आप को लग रहा होगा की हम कोई प्रायवेट स्कूल की बाते कर रहे है जी नही ये सभी सुविधाएं एक सरकारी स्कूल ने कर दिखाया है यह स्कूल पंडरिया ब्लाक के शासकीय प्राथमिक शाला गुंझेटा की है। जहां ये शिक्षक पदस्थ हैं। हमने दो तीन पालको से बात किया तो एक पालक पारस चंद्राकर कहते है की मैं अपने बच्चें को प्राइवेट स्कूल से सरकारी स्कूल में डोरे सर की वजह से भर्ती किया हु और मेरे बच्चें प्राइवेट स्कूल से बेहतर शिक्षा प्राप्त कर रहे है। शिक्षक भरत कुमार डोरे कहते है की मैं एक शिक्षक हूं, शिक्षा के लिए मेरा पूरा जीवन समर्पित है। बच्चों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़े रखने और बेहतर शिक्षा प्रदान करने के वो हर संभव प्रयास करते रहूंगा। शिक्षक के इस पहल से यह सरकारी स्कूल जिले में मैग्नेट स्कूल के रूप में प्रसिद्धि प्राप्त कर रही है।

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