कवर्धा : रबी फसल के लिए गोबर से बना जैविक खाद की मांग बढ़ी

रबी फसल के लिए गोबर से बना जैविक खाद की मांग बढ़ी,जिले के गन्ना, उद्यानिकीय उत्पादक किसान करते है जैविक खाद का उपयोग

कवर्धा। राज्य शासन द्वारा प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने की लिए शुरू की गई गौधन न्याय योजना का सफल क्रियान्वन कबीरधाम जिले में देखने को मिल रहा है। जिले के किसान जैविक खेती में खासा रूचि ले रहे है। इसके परिणाम मूलक इस योजना से तैयार हो रही जैविक खाद वर्मी कंपोस्ट और सुपर कम्पोस्ट की मांग बढ़ रही है। इस वर्ष खरीफ फसल में किसानों द्वारा जैविक खेती करने के लिए 37 हजार 973 क्विंटल खाद का उठाव किया गया था।

कबीरधाम जिले में चालू सीजन में रबी फसल के लिए अब फिर से किसानों द्वारा गोबर से निर्मित जैविक वर्मी कंपोस्ट और सुपर कम्पोस्ट की मांग की जा रही हैं। जिले के गन्ना,उद्यानिकी और चना उत्पादक किसानों द्वारा जैविक खाद की मांग की जाती है। रबी फसल के लिए अब तक 14 सौ क्विंटल जैविक खाद् का उठाव किया जा चुका है। कृषि विभाग के उपसंचालक एमडी डड़सेना ने बताया कि चुकि कबीरधाम जिले में गन्ना की बोवाई 15 फरवरी तक की जाती है इस हिसाब से रबी फसल के लिए आठ हजार क्विंटल जैविक खाद उठाव होने उम्मीद है। पिछले रबी फसल के लिए जिले किसानों द्वारा 54 सौ कि्ंवटल जैविक खाद का उठाव किया गया था।

जैविक खाद् के लिए किसानों को और जागरूक करने की जरूरत-कलेक्टर

कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने आज समय सीमा की बैठक में गौधन योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले के किसानों को जैविक खेती से जोड़ने और उन्हे प्रोत्साहित करने की और आवश्यकता है। कृषि विभाग के मैदान अमला किसानों से भेंट कर जैविक खेती के फायदें बताएं। कलेक्टर ने कृषि विभाग के अधिकारी को समय-समय पर जैविक खाद को बढ़ावा देने के लिए कार्यशाला आयोजित करने तथा ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से किसानों को और प्रोत्साहित करने पर जोर दिया है।

कबीरधाम जिले में 309 समूहों द्वारा तैयार की जा रही है जैविक खाद

उपसंचालक डड़सेना ने बताया कि कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा के मार्गदर्शन में कबीरधाम जिले में गौधन न्याय योजना का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत जिले के 295 गोठानों में पंजीकृत 6082 गौपालकों द्वारा गोबर की खरीदी की जा रही है। योजना के शुरू से लेकर अब तक जिले में दो लाख 5 हजार 747 क्विंटल गोबर की खरीदी की जा चुकी है। जिले में 309 सक्रिय समूह है, जिनके द्वारा जैविक खाद बनाई जा रही है। अब तक जिले में 52 हजार कि्ंवटल वर्मी व सुपर कंपोस्ट खाद का उत्पादन किया जा चुका है।

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