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राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय विषय पर – वाराणसी में दौलतराम कश्यप ने रखे विचार


राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय विषय पर – वाराणसी में दौलतराम कश्यप ने रखे विचार

राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय की जरूरत – दौलतराम कश्यप

कवर्धा – राष्ट्रीय स्तर के शांति प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण 27 से 29 मई को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नवसाधना ‘तरना’ में आयोजित की गई ! कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईआईटी के प्रोफेसर दीपक मलिक, प्रोफेसर आर.के. मंडल, प्रोफेसर बाद मुहमद आरिफ, वरिष्ठ पत्रकार ए. केलारी रहे !
कार्यक्रम की शुरुआत में प्रोफ़ेसर मलिक ने कहा कि देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू शिक्षण संस्थानों को आधुनिक भारत का मंदिर और मस्जिद कहा करते थे ! यह आयोजन भारतीय सामाजिक संस्थान नई दिल्ली सेंटर फॉर हार्मोनी एंड पीस एवं राइज एंड एक्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित किया गया ! अलग-अलग राज्य के लगभग 30 प्रतिभागी शामिल हुए ! जिसमें छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उड़ीसा, महाराष्ट्र, आसाम, उत्तराखंड एवं उत्तरप्रदेश से इस कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से दौलत राम कश्यप अध्यक्ष आस्था समिति एवं शांति सद्भावना के क्षेत्र में कार्यरत सामाजिक कार्यकर्ता ने वर्तमान में परिस्थितियों में राष्ट्रीय एकता, शांति और न्याय को जरूरी बताते हुए ! छत्तीसगढ़ के संदर्भ में विचार रखें! जिसे उपस्थित अतिथियों एवं प्रतिभागियों ने सराहा ! बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के शोधार्थी छात्र-छात्राएं भी इस कार्यक्रम में अपना अपना अध्ययन पत्र पढ़े ! समापन अवसर पर भारतीय सामाजिक संस्थान के मिनसेंट एक्का, वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी ने कहा कि देश में 705 आदिवासी समुदाय है लेकिन उनकी पूरी गिनती तक नहीं है ! जनजाति समाज करीब 20 फीसदी है पर सरकारी गणना में सिर्फ 8.02 फीसदी ही बताया जाता है ! आगे उन्होंने का नजरिया बदले बीना आदिवासियों का कल्याण असंभव है ! कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ से क्षमा कश्यप, उत्तर प्रदेश आशा ट्रस्ट के वल्लभाचार्य पांडे, असम के वरिष्ठ पत्रकार सैयद रवि उल हक, महाराष्ट्र से डॉक्टर राजेंद्र फूलें, उड़ीसा की पुष्पा भानु, उत्तर प्रदेश से अजय शर्मा, राम किशोर चौहान, अंकेश विकास, युल्देष, असलम, उत्तराखंड से कु. पुष्पा आदि उपस्थित थे !

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