ChhattisgarhKabirdham

महिला उत्थान मंडल की बहनों द्वारा संस्कृति रक्षा यात्रा एवं राष्ट्रपति के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन

महिला उत्थान मंडल की बहनों द्वारा संस्कृति रक्षा यात्रा एवं राष्ट्रपति के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन

AP न्यूज़ कवर्धा

पूज्य संत श्री आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित महिला उत्थान मंडल द्वारा ८ मार्च विश्व महिला दिवस के उपलक्ष्य में कवर्धा नगर में विशाल संस्कृति यात्रा निकाली गयी। यात्रा का शुभारंभ दीप प्रज्वलन कर किया गया। यात्रा स्वामी विवेकानंद भवन से शुरू होकर सिग्नल चौक, एकता चौक, गुरुनानक चौक नवीन बाजार होते हुए स्वामी विवेकानंद भवन में यह यात्रा समाप्त हुई। बैनर, तख्तियों व झाँकियों से सुसज्जित इस यात्रा में बड़ी भारी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।

यात्रा के द्वारा यह संदेश दिया गया कि लोकहित में अपना पूरा जीवन अर्पित करनेवाले संयममूर्ति ऐसे महापुरुष को षड्यंत्र के तहत झूठे आरोपों में फँसाया गया है। इन आरोपों को सिद्ध करने के लिए न्यायालय के पास एक भी सीधा प्रमाण (Direct evidence) नहीं है। फिर भी बापूजी को आजीवन कारावास की सजा दी गयी है। लड़की के अलग-अलग बयानों में अनेकों विसंगतियाँ होते हुए भी 10 वर्ष से पूज्य बापूजी जेल की यातनाओं को सहते हुए प्रतीक्षारत हैं। लेकिन झूठे, बनावटी केस में बापूजी को आजीवन कारावास की सजा सुना दी गयी है।

यात्रा में हमारे भारत देश की महान नारियों की आकर्षक झांकियों का प्रदर्शन भी किया गया। इसके साथ ही नारीशक्ति का संदेश देती हुई तख्तियां भी यात्रा के मुख्य आकर्षण का केंद्र रहीं। यात्रा के अंत में पूज्य बापूजी की शीघ्र रिहाई के लिए राष्ट्रपति के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में निर्दोष संतों पर हो रहे षड्यंत्र की भर्त्सना करते हुए महिला कार्यकर्ताओं ने कहा कि ‘संत श्री आशारामजी बापू ने महिला सशक्तिकरण के लिए अनेक कार्य किये हैं। महिलाओं में आत्मबल, आत्मविश्वास, साहस, संयम-सदाचार के गुणों को विकसित करने के लिए महिला उत्थान मंडलों का गठन किया है, जिससे जुड़कर कई महिलाएँ उन्नत हो रही हैं । बापूजी ने संस्कृति-रक्षा, संयम-सदाचार एवं ब्रह्मविद्या,गीता भागवत के प्रचार-प्रसार में अपना पूरा जीवन अर्पित कर दिया । मातृ-पितृ पूजन दिवस, तुलसी पूजन दिवस,वसुधैव कुटुम्बकम् व सर्वेभवन्तु सुखिनः, असतोमा सद्गमयं जैसी लुप्त हो रही परम्पराओं को पुनः आरम्भ कर भारतीय संस्कृति के उच्च आदर्शों को पुनर्जीवित किया है । अतः हम करोड़ों बहनें जो उनके समर्थन में खड़ी हैं, हमारी आवाज को क्यों नहीं सुना जा रहा है ? उन्होंने कहा कि ये सारे दैवी सेवाकार्य संत श्री आशारामजी बापू की प्रेरणा से चलाए जाते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page