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प्रशासन की सतत निगरानी से 3 माह में 17 नाबालिगों के बाल विवाह होने से रुका

जिला प्रशासन ने समझाईश देकर रुकवाया बाल-विवाह

बलौदाबाजार-कलेक्टर सुनील कुमार जैन के निर्देश पर जिलें में किसी भी नाबालिगों का शादी ना हो उसके लिए लगातार निगरानी रखी जा रहीं हैं। गाँव के जनप्रतिनिधियों के सहयोग से आज पुनः महिला बाल विकास विभाग एवं पुलिस विभाग की सँयुक्त टीम ने कार्रवाई करतें हुए एक नाबालिग का विवाह रुकवाया। दिनांक 30 अप्रैल को पलारी विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत भवानीपुर में बाल विवाह होने की सूचना जिला प्रशासन को प्राप्त हुई। सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम गांव में पहुंचकर कन्या की अंकसूची का अवलोकन किये। जिसमें कन्या का उम्र 18 वर्ष से कम पाया गया।

इस पर परिवार के सदस्यों एवं बुजुर्गों को बाल विवाह की कुरितियो एवं उस पर दंडात्मक कार्रवाई से अवगत कराया गया। जिस पर परिवार के सदस्य विवाह रोकने हेतु सहमत हो गए तथा परिवार के सदस्यों से घोषणा पत्र भरवाए गया। साथ ही लड़की के पिता ने कहा कि बालिक होने पर ही हम अब कन्या का विवाह करेंगे। घटना के बारे विस्तृत जानकारी देतें हुए महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी एल आर कच्छप ने बताया कि कन्या का विवाह दिनांक 1 मई 2021 को रायपुर जिला के अंतर्गत नगर पंचायत आरंग निवासी के लड़के के साथ में तय हुआ था। घटना की जानकारी मिलते ही मैंने रायपुर महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी से मोबाईल पर चर्चा कर रायपुर जिले की होने वाली विवाह की वस्तु स्थिति से अवगत कराया।

जिला प्रशासन और पुलिस अमला की सजगता से रुकी बाल विवाह

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इस पर जिला प्रशासन रायपुर की टीम भी वर पक्ष के गांव में पहुंचा एवं पहुंचकर लड़की नाबालिक होने एवं 18 वर्ष कम होने की सूचना वर पक्ष के परिजनों को दी गई। साथ ही परिवार के सदस्यों को समझाया गया एवं विवाह रोकने हेतु अनुरोध किया गया। जिस पर लड़कें पक्ष वाले भी विवाह रोकने हेतु सहमत हो गए। साथ ही उनसें भी घोषणा पत्र भरवाया गया। इस बाल विवाह रोकने हेतु गाँव में स्थानीय सरपंच, कोटवार, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं ग्रामीण वरिष्ठ नागरिक उपस्थित थें।

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एल आर कच्छप ने कहा बाल विवाह एक अपराध साथ ही सामाजिक बुराई भी हैं और इस बुराई को हम जिलें में रोकनें में काफी हद तक सफलता पायी हैं। इसके लिए पुलिस प्रशासन, चाईल्ड लाईन, महिला बाल विभाग के कर्मचारी लगातार मैदानी स्तर पर नजर बनाये हुए हैं। इसी का परिणाम हैं कि 3 माह के अंदर ही अब तक जिले में 17 बाल विवाह को रुकवाया गया हैं। जिसमें विकासखंड बिलाईगढ में 3, कसडोल में 6,भाटापारा में 5,पलारी में 2,सिमगा में 1 बाल विवाहों को जिला प्रशासन की सयुंक्त टीम द्वारा रुकवाया गया हैं। आगें भी यह कार्रवाई जारी रहेगा।

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