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कवर्धा :कोरोना की रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक उपायों और निर्देशों का पालन कड़ाई से करने की जरूरत-कलेक्टर रमेश शर्मा

कोरोना की रोकथाम के लिए सुरक्षात्मक उपायों और निर्देशों का पालन कड़ाई से करने की जरूरत-कलेक्टर रमेश शर्मा

कोविड वैक्सीनेशन के लिए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जनसामान्य को करें प्रोत्साहित

साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक आयोजित

कवर्धा, 05 अप्रैल 2021। कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने कहा कि कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है, इसी के अनुरूप हमें सुरक्षात्मक उपाय करने होंगे। कोरोना के संक्रमण बढ़ने से जिले में लगतार कोविड पोजटिव मरीजों की संख्या बढ़ रही है, यह चिंताजनक है। दुर्ग, रायपुर और राजनांदगांव में कोरोना के केस तेजी से बढ़े हैं। राजनांदगांव से दुर्ग-भिलाई कई लोगों का आवागमन होता है। कोरोना की रोकथाम के लिए सभी उपायों को कड़ाई से पालन करने की जरूरत है। इसके लिए ग्राम स्तर पर भी विशेष मॉनिटरिंग करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के संक्रमण और रोकथाम के लिए एक बार फिर से सभी अधिकारियों को कड़ी मेहनत करने होंगे। जिले में हैल्प लाईन जारी करने से लेकर अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी और मैदानी अमलों की तैनात करने की जरूरत है। कलेक्टर ने जिले के सभी अनुविभागीय अधिकारी, जनपद पंचायत सीईओ को गांव-गांव में संक्रमण को रोकने और लोगों में जागरूकता लाने के लिए ग्राम कोटवारों के माध्ययम से मुनादी करने के निर्देश दिए है। जिले में कोरोना वैक्सिन टीकाकरण के लिए पुनः तैयारी करने के निर्देश दिए। सभी एसडीएम अपने अनुविभाग में क्वारेंटाईन सेंटर आरंभ करें और वहां जिन कर्मचारियों की ड्यूटी पहले लगी थी वैसे ही लगाएं। ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोविड-19 के प्रकरणों की संख्या बढ़ी है। इन क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन बनाने के लिए एसडीएम कार्य करें। कोविड केयर सेंटर में आपातकालीन स्थिति के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था भी रखें। उक्त बातें उन्होंने कलेक्टोरेट के सभाकक्ष में आयोजित साप्ताहिक समय-सीमा की बैठक में कही। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री विजय दयाराम के, समस्त अनुविभागीय अधिकारी एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

*45 वर्ष से अधिक उम्र के व्यक्तियों को कोविड टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करें*

कलेक्टर श्री शर्मा ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र जिले के बड़े गांव में होते हैं जिनकी संख्या 3 हजार से अधिक होती है। ग्रामीण क्षेत्रों में एसडीएम एवं जनपद सीईओ गांव के सरपंच, सचिव एवं गणमान्य नागरिकों से चर्चा कर जनसामान्य को वैक्सीनेशन के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होने 45 से 59 वर्ष के व्यक्तियों, व्यापारी, फुटकर व्यापारी, दुकानदार एवं सरकारी कर्मचारियों का वैक्सीनेशन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से बचाव के लिए शासन द्वारा दिए गए सुरक्षात्मक उपाय एवं दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन करने की जरूरत है।

*होम आइसोलेशन के मरीजों को चिकित्सक को सही जानकारी देने की अपील की*

कलेक्टर ने होम आइसोलशन मे रह रहे मरीजों से अपील की है कि वे संबंधित चिकित्सक को अपने आक्सीजन लेवल, तापमान , पल्स दर आदि की सही रीडिंग बताएं क्योंकि अनेकों बार यह देखा गया है कि होम आइसोलेशन वाले मरीज जब अस्पताल पहुंचते हैं, तब मालूम होता है कि उन्होने इसके पूर्व गलत रीडिंग बताई या बताई ही नही, जिसके कारण गंभीर स्थिति हो सकती है। होम आइसोलेशन के मरीजों को या जो उनकी देखभाल करता है उसे थर्मामीटर से तापमान लेना, ,पल्स ऑक्सीमीटर से आक्सीजन स्तर लेना और पल्स की रीडिंग लेना आना चाहिए जो कि बहुत सरल है, यह पल्स ऑक्सीमीटर के जरिए ली जाती है। उससे दिन में चार बार रीडिंग लेकर मोबाइल के जरिए ही उस चिकित्सक को भेजना है जो उन्हे एलॉट किया गया है। इसके अतिरिक्त मरीजों को 6 मिनट चलने के पहले और 6 मिनट बाद भी आक्सीजन स्तर, आक्सीमीटर से रीड़िग लेना चाहिए और इसमे तीन अंको का अंतर आने पर डाक्टर को बताना चाहिए। आक्सीजन स्तर 95 से कम होने पर भी चिकित्सक को जरूर बताना चाहिए। मरीज टोल फ्री नम्बर 104 पर भी संपर्क कर सकते है। यदि सांस फूल रही है तो तुरंत अस्पताल में भर्ती होना चाहिए और इस दौरान सीधे लेटना चाहिए जिससे फेफड़ों को ऑक्सीजन बराबर मिले। होम आइसोलेशन के मरीजों को अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर बंद नही करना चाहिए क्योंकि उनके संपर्क में आए लोगों की जानकारी विभाग को लेनी होती है ताकि उनके परिजन, मित्र भी समय पर जांच कराएं और संक्रमण से बच सकें।

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