कलेक्टर ने सिद्ध बाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का किया निरीक्षण


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी
सिंचाई विस्तार की दिशा में प्रशासनिक सक्रियता
खैरागढ़, 21 जून 2025//
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा हाल ही में ग्राम गभरा के पास निर्माणाधीन सिद्ध बाबा सिंचाई जलाशय परियोजना का निरीक्षण किया गया था। इस महत्वपूर्ण परियोजना को लेकर दिए गए निर्देशों के क्रियान्वयन की दिशा में जिला प्रशासन ने तेज़ी से कदम बढ़ाया है।
इसी क्रम में आज कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल ने ग्राम झूरानदी डैम क्षेत्र पहुंचकर जलाशय निर्माण स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर कार्य की गुणवत्ता, निर्माण की प्रगति और तय समयसीमा में कार्य पूर्ण करने पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। इस अवसर पर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रेम कुमार पटेल सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे
कलेक्टर ने कहा कि यह परियोजना लगभग ₹220 करोड़ की लागत से निर्मित की जा रही है, जिससे तीन जिलों के 34 गांवों को स्थायी सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी। परियोजना के पूर्ण होने से हजारों किसानों को सिंचाई के लिए निर्भर जल स्रोत प्राप्त होगा, जिससे कृषि उत्पादकता में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।
तीन जिलों को मिलेगा लाभ
सिंचाई जलाशय से जिला खैरागढ़-छुईखदान-गंडई क्षेत्र के गभरा, कोटरीछापर, दोड़िया, विचारपुर, बुन्देली, मुरई, खैरी, सीताडबरी, कोटरा, साल्हेकला सहित बेमेतरा जिले के पठारझोरी, चिचानमेटा, जानो, रानो, गाड़ाडीह, सोनडबरी और दुर्ग जिले के अगारकला, अगारखुर्द, साल्हेखुर्द, नवागांव जैसे गांवों में सिंचाई सुविधा पहुंचेगी।
रबी व सब्जी फसलों को मिलेगा बढ़ावा
परियोजना के डुबान क्षेत्र में लगभग 120 हेक्टेयर भूमि पर रबी व सब्जी की खेती संभव होगी, जिससे स्थानीय किसानों को वैकल्पिक फसल उत्पादन का अवसर मिलेगा।
मत्स्य पालन और रोजगार सृजन
जलाशय से प्रतिवर्ष 498 क्विंटल तक मत्स्य उत्पादन की संभावना जताई गई है, जिससे लगभग 200 ग्रामीणों को प्रत्यक्ष रोजगार मिल सकेगा। यह पहल स्थानीय आर्थिक विकास को गति देगी।
जल संरक्षण और जलस्तर में सुधार
परियोजना से क्षेत्र के 23 लघु जलाशयों को जलापूर्ति सुनिश्चित होगी — जिनमें छुईखदान के 13, साजा के 7 और धमधा के 3 जलाशय शामिल हैं। इससे भूजल स्तर में सुधार के साथ-साथ निस्तारी और पेयजल संकट में भी राहत मिलेगी।
कलेक्टर ने कहा कि यह परियोजना सिंचाई के साथ-साथ बहु-आयामी ग्रामीण विकास की दृष्टि से भी एक मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को समयबद्ध, पारदर्शी और गुणवत्ता-युक्त कार्य निष्पादन के निर्देश दिए।