शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला केशलीगोड़ान में बाल दिवस धूमधाम से मनाया गया
AP न्यूज़ पंडरिया : पंडरिया बिरकोना संकुल के अंतर्गत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला केशलीगोड़ान में बाल दिवस का आयोजन बड़े उत्साह और उल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर विद्यालय के नन्हे-मुन्ने बच्चों ने अपनी अद्भुत प्रतिभाओं का प्रदर्शन करते हुए गीत, कविता, और नृत्य की रंगारंग प्रस्तुतियाँ देकर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम की शुरुआत:
कार्यक्रम की शुरुआत पंडित जवाहरलाल नेहरू को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए की गई। इस अवसर पर प्रधान पाठक विजय चंदेल ने अपने उद्बोधन में पंडित नेहरू के जीवन और उनके बच्चों के प्रति प्रेम के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि ‘चाचा नेहरू’ को बच्चों से विशेष स्नेह था, इसलिए उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने इस दिन के महत्व पर बच्चों को जागरूक करते हुए कहा कि बच्चे ही राष्ट्र का भविष्य हैं और उनकी सही शिक्षा व मार्गदर्शन से ही देश का उज्ज्वल भविष्य निर्मित हो सकता है।
प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता:
शिक्षकों ने पंडित नेहरू के जीवन और उनके विचारों पर आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की, जिसमें बच्चों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। इस प्रतियोगिता में कक्षा आठवीं के सोनू ने अपनी उत्कृष्टता साबित करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया, ऐश्वर्या ने द्वितीय स्थान और भागवत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सभी विजेताओं को पुरस्कार प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
विशेष अतिथि:
CAC हमिद खान ने इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने अपने संबोधन में बच्चों को पंडित नेहरू के आदर्शों और उनके योगदानों से प्रेरित होने का संदेश दिया।
आयोजन की सफलता में शिक्षकों की भूमिका:
इस आयोजन को सफल बनाने में शिक्षक शेख लतीफ और रामायण प्रसाद ओग्रे की अहम भूमिका रही। उन्होंने न केवल कार्यक्रम की योजना बनाई बल्कि बच्चों को विभिन्न प्रस्तुतियों के लिए मार्गदर्शन भी किया। उनकी मेहनत और समर्पण ने इस कार्यक्रम को यादगार बना दिया।
समापन:
कार्यक्रम का समापन बच्चों द्वारा प्रस्तुत समूह गान के साथ हुआ, जिसने सभी का दिल जीत लिया। इस अवसर पर बच्चों, शिक्षकों, और अभिभावकों में गहरा उत्साह देखा गया। बाल दिवस के इस आयोजन ने विद्यालय में खुशियों और उल्लास का माहौल बना दिया, जहां बच्चों ने न केवल आनंद लिया बल्कि कुछ नया सीखने का अवसर भी पाया।
इस तरह, बाल दिवस का यह आयोजन बच्चों के विकास, आत्मविश्वास और कला को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।