खास-खबर

चारधाम की यात्रा शुरू, बद्रीनाथ धाम के खुले कपाट, 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया मंदिर, यात्रा से पहले कराएं रजिस्ट्रेशन

चारधाम की यात्रा शुरू, बद्रीनाथ धाम के खुले कपाट, 15 क्विंटल फूलों से सजाया गया मंदिर, यात्रा से पहले कराएं रजिस्ट्रेशन

AP न्यूज़ प्रतिनिधि – चारधाम के लिए यात्रा की शुरुआत हो चुकी है। 10 मई को केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री के कपाट खोले गए थे। हालांकि बद्रीनाथ के कपाट इस समय तक नहीं खुले। हालांकि 12 मई को अब बद्रीनाथ के कपाट को खोल दिया गया है। साथ ही चारधान की यात्रा अब पूरे तरीके शुरू हो चुकी है। इस दौरान विधि-विधान, वैदिक मंत्रोच्चार और बद्री विशाल लाल की जय के नारों के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाटच को खोला गया। बता दें कि मंदिर के खुलने से पूर्व मंदिर को अच्छे से सजाया गया था। लगभग 15 क्विंटल फूलों से मंदिर की भव्य सजावट की गई। कपाट खुलने के मौके पर अखंड ज्योति के दर्शन करने को लेकर तीर्थ यात्रियों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है।

खुल गए बद्रीनाथ धाम के कपाट
बता दें कि देर शाम तक बद्रीनाथ के दर्शन करने के लिए 5 हजार से अधिक तीर्थयात्री बद्रीनाथ धाम पहुंच चुके हैं। वहीं 15 हजार से अधिक लोग अलग-अलग पड़ावों पर मौजूद हैं और अपनी बारी आने का इंतजार कर रहे हैं। गंगोत्री, यमुनोत्री और केदारनाथ धाम के कपाट को शुक्रवार को ही खोल दिया गया था। बता दें कि कपाट खुलने पर मुख्य पुजारी मंदिर के गर्भगृह में पहुंचे। यहां फिर विराजमान माता लक्ष्मी के विग्रहों को परिक्रमा स्थल स्थित लक्ष्मी मंदिर में विराजमान किया गया। इसके बाबता दें कि इससे पूर्व केदारनाथ धाम के कपाट को 10 मई को खोला गया था।

10 मई को खुले थे केदारनाथ के कपाट
दरअसल 10 मई को अक्षय तृतीया थी, जिसे हिंदू धर्म में बेहद शुभ अवसर माना जाता है। इसी दिन से चारधाम की यात्रा प्रारंभ की जाती है। बता दें कि चारधाम की यात्रा पर जाने से पूर्व सभी लोग ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें, अन्यथा आपको दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि ऑनलाइन माध्यम से अधिकारिक वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in या ऐप touristcareuttarakhand के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। वहीं ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन आप ऋषिकेश जाकर करा सकते हैं।


 



Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page