बजट निराशाजनक, पिछले वादों पर विचार नहीं-विनोद


बजट निराशाजनक, पिछले वादों पर विचार नहीं-विनोद
पूर्व संसदीय सचिव व महासमुंद के पूर्व विधायक विनोद सेवन लाल चंद्राकर ने बजट को प्रदेश वासियों के लिए निराशाजनक बताया है। श्री चंद्राकर ने कहा कि इस बजट में पूर्व के वादों को भूला दिया गया है। भाजपा अपने घोषणा पत्र में किए वादों को लेकर इस बजट में भी कोई विचार नहीं कर पाई है। श्री चंद्राकर ने कहा कि 2 साल के भीतर 1 लाख भर्ती की बात कही गई थी, बजट में ना ही 1 लाख नई सरकारी नौकरी का ज़िक्र है न अनियमित कर्मचारियों के नियमितीकरण का कोई रोड़मैप, न 500 में सिलेंडर याद रहा, न बेरोज़गारी भत्ता और न ही छात्रों को बस के फ्री पास का जिक्र किया गया।
श्री चंद्राकर ने विज्ञप्ति में कहा कि वित्तमंत्री केवल तुकबंदी करते रहे। मोदी की अधूरी गारंटियों पर मौन रहकर झूठा यशोगान करते रहे, दूसरी सरकारों के कार्यों और योजनाओं का श्रेय खुद ही ले लिए। यह सरकार पूर्व में संचालित उद्योगों ■को भी संचालित करने में नाकाम रही है
अब नए उद्योग लगाकर रोजगार के अवसर बढ़ाने का झूठा दावा कर रही है। हकीकत यह है कि पिछले 15 महीनों के भीतर 300 से अधिक राइस मिलें बंद हुए हैं। 450 से ज्यादा स्पंज आयरन और रोलिंग मिलें बंद हुई हैं। भाजपा सरकार की उपेक्षा के चलते ही 2-2 सरकारी शक्कर कारखाने प्रदेश में बंद हो गए, यह सरकार नौकरी देने वाली नहीं, बल्कि रोज़गार छीनने वाली सरकार है।
पूर्व संसदीय सचिव ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में विश्वविद्यालयों की संख्या 4 से 25 होने में इस सरकार का कोई योगदान नहीं है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने अपने 5 साल के कार्यकाल में आठ नए सरकारी मेडिकल कॉलेज खोले। पिछले साल 27000 करोड़ से अधिक का कर्ज लेने के बाद इस बजट में फिर से लगभग 20000 करोड़ के नए कर्ज का प्रावधान भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबंधन और अर्थशास्त्र का प्रमाण है।