@apnews कवर्धा बोड़ला : बोइरकछरा ग्रामवासियों को हो रही है राशन की समस्या और तकलीफ दूसरे गांव से टूटी सम्पर्क
बोड़ला आसाराम चंद्रवंशी की रिपोर्ट
बोड़ला : कबीरधाम जिले के बोड़ला ब्लॉक से 7 किलोमीटर की दूरी पर बसें ग्राम बोइरकछरा जो कि ग्राम पंचायत अचानकपुर में आता है, गांव के लोगों को बरसात के मौसम में नदी आरपार जाने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।यहां के ग्रामीणों को गांव से बाहर जाने के लिए नदी को पार करना किसी जंग से कम नहीं है क्योंकि बारिश होने पर नदी उफान पर होती है, जिसे पार करना ग्रामीणों के लिए आफत बन जाती है। गांव के पास बहने वाली नदी पर पुल न होने के कारण ग्रामीण, स्कूली बच्चे और मरीज, विशेषकर गर्भवती महिलाओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। ज्यादा बारिश होने पर नदी में पानी का बहाव बढ़ जाता है, जिससे बहुत ज्यादा परेशानी होती हैं। प्रशासन व सत्ताधारी राजनीतिक पार्टियों की इच्छा शक्ति के अभाव व जानकारी होते हुए भी अनभिज्ञता दिखाने के कारण ग्रामीण आए दिन इस परेशानी को झेलते हैं। अन्य गांवों व शहरों से सम्पर्क टूट जाती है। ग्रामीण ने बताया कि बारिश में प्रतिदिन होने वाली इस समस्या से ग्रामीण काफी परेशान है, ग्रामीणों ने कहा कि उनको नदी पर पुल न होने के कारण काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। चुनाव के समय सभी राजनीतिक पार्टियों के लोग उनके हिमायती बनाकर उनके साथ खड़े होने का ढोंग करते हैं। मगर उनकी मूलभूत समस्या का समाधान करने के लिए इस समय कोई आगे नहीं आता है। बोइरकछरा के युवा भाई सुशील चन्द्रवंशी ने बताया कि यह कुसुमघटा से गुजरने वाले सड़क है जहाँ बीच मे फोक नदी है जहाँ से गुजर कर ग्राम पंचायत अचानकपुर आश्रित गांव बोइरकच्छरा पड़ता है जहा लगातार पानी गिरने के कारण बाढ़ आ जाता और इस गांव के लोगो को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है कई बार तो गन्ने से भरी गाड़ी भी कई बार पलट चुकी है इस नदी में रपट बना है, जहाँ लोग जब गुजरते है तो बहने का खतरा है मोटरसाइकिल कई बार बह जाता है यहाँ के लोग कई वर्ष से इस परेशानी का सामना कर रहे है यहाँ के लोग अपने जन प्रतिनिधियों से कई सालों से गोहार लगा रहे है अभी तक कुछ नही हो पाया है सुशील चन्द्रवंशी ने बताया कि यहां लोगो का ग्यापन प्रत्र का एक पुस्तक बन जायेगा इतना बार ज्ञापन गोहार लगाने के बाद भी कुछ नही हुवा।
सुशील चंद्रवंशी और सभी ग्राम वासियों का कहना है कि अगर अति शीघ्र निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हुआ तो बहुत जल्द सभी ग्रामवासी आंदोलन के लिए बाध्य होगी।