भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ एवं किसान मोर्चा ने राज्यपाल के नाम प्रमुख 4 मांग का ज्ञापन सौंपा

भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ एवं किसान मोर्चा ने राज्यपाल के नाम प्रमुख 4 मांग का ज्ञापन सौंपा

कवर्धा। भारतीय जनता पार्टी सहकारिता प्रकोष्ठ एवं किसान मोर्चा ने राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा और कुछ मांग पर विचार करने के लिए निर्वाचित बोर्ड के कार्यकाल को समाप्त कर नियम विरूद्ध पदस्थ किए गए,समस्त प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के प्राधिकृत अधिकारियों को हटाकर पुनः बोर्ड की बहाली करने एवम् निर्वाचन की कार्यवाही प्रारंभ करने के सम्बंध में जिला कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। वर्ष 2017 में निर्वाचित समस्त 1333 प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों( पैक्स /लैंप्स ) के बोर्ड को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा सोसाइटीयों के पुनर्गठन करने के नाम पर 25 जुलाई 2019 को असंवैधानिक तरीके से भंग कर दिया गया था ।तत्पश्चात शासन के आदेशानुसार सभी सोसाइटीयों में प्राधिकृत अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई थी। अधिकांश सोसायटीयों के द्वारा हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई। उच्च न्यायालय द्वारा 22 नवंबर 2019 को बोर्ड की पुनः बहाली का आदेश जारी किया गया । इस प्रकार लगभग 4 माह तक अवैधानिक रूप से सोसाइटीयों के बोर्ड को भंग कर प्राधिकृत अधिकारियों की नियुक्ति कर दी गई थी जो सर्वथा नियम विरुद्ध थी।

छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 49(7_ क)( एक) के परंतुक में स्पष्ट प्रावधान है कि “जहां किसी बोर्ड को अतिष्ठित या निलंबित किया गया हो या अधिनियम के तहत हटाया गया हो ,किसी न्यायालय के या प्राधिकारी के आदेश के फलस्वरूप पुनः स्थापित हो जाती है ,वहां वह कालावधि जिसके दौरान वह (बोर्ड) यथास्थिति अतिष्ठित ,निलंबित या पद पर नहीं रही है , पूर्वोक्त कार्यकाल की गणना करने में अप वर्जित कर दी जाएगी “।अर्थात उक्त अवधि की गणना सोसाइटी के बोर्ड के कार्यकाल में नियमानुसार नहीं जोड़ा जाना चाहिए था । किंतु सोसाइटीयों के निर्वाचन के प्रथम सम्मेलन की तारीख से 5 वर्ष व्यतीत होते ही बोर्ड के कार्यकाल के अवसान का उल्लेख करते हुए शासन द्वारा सोसाइटीयों में प्राधिकृत अधिकारियों को पदस्थ कर दिया गया ।जबकि उपरोक्त कारणों से सभी 1333 सोसायटीयों के बोर्ड के कार्यकाल की अवधि का अवसान 4 माह पश्चात होना था। अतः अनुरोध है कि छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम एवं नियमों के तहत लगभग 4 माह की अवधि के लिए तत्काल सोसाइटीयों के बोर्ड की बहाली सुनिश्चित कराने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार को निर्देश जारी करने का कष्ट करना चाहेंगे। तत्पश्चात निर्वाचन की प्रक्रिया भी प्रारंभ की जानी चाहिए।
2. सोसाइटीयों के पुनर्गठन पश्चात प्रदेश में 725 नवीन सोसायटीयां अस्तित्व में आई है। नवगठित सोसायटीयों का निर्वाचन 3 माह के अंतर्गत कराए जाने का अधिनियम में प्रावधान है किंतु 2 वर्ष से ज्यादा समय व्यतीत हो जाने के पश्चात भी आज तक निर्वाचन नहीं कराया जाना लोकतंत्र की हत्या के समान है वर्तमान में नियमों में संशोधन कर कांग्रेश के नुमाइंदों अशासकीय सदस्यों को मनोनीत किया जा रहा है ।इस तरह निर्वाचन नहीं कराकर सरकार द्वारा लोकतंत्र का हनन किया जा रहा है अतः नवगठित 725 सोसाइटियों का निर्वाचन भी तत्काल कराए जाने हेतु छत्तीसगढ़ सरकार एवम् छत्तीसगढ़ सहकारी निर्वाचन आयोग को निर्देश जारी करने का कष्ट करना चाहेंगे

3. न्यायालय छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी अधिकरण ,बिलासपुर के आदेश दिनांक 6 /09/ 2022 एवं 18/ 10 /2022 में पारित कुल 06 प्रकरणों पर पंजीयक सहकारी संस्थाएं के विरुद्ध न्यायालय द्वारा पारित निर्णयों का अवलोकन करना चाहेंगे ।जिसमें न्यायालय के निर्णयों में विशेष रुप से उल्लेखित किया गया है कि, पंजीयक सहकारी संस्थाएं अटल नगर इंद्रावती भवन एवं प्रभारी संयुक्त पंजीयक अंबिकापुर एन कुजूर को मूल कानून मूल शक्ति मूल अधिकारिता का ज्ञान ही नहीं है जिसके आधार पर ही सहकारिता विभाग के सभी अधिकारियों को कार्य करना होता है आधार स्तंभ है बुनियादी कानून का अज्ञानता गंभीर प्रकृति का कदाचरण है व न्याय सिद्धांत के अनुसार कानून का अज्ञानता क्षम्य नहीं है ऐसी ही गलती पूर्व में भी उनके द्वारा अनेकों प्रकरणों में किया जा चुका है, उसके बावजूद भी कार्य में सुधार नहीं है जानबूझकर गलती करने का आदत हो चुका है ऐसे में ऐसे पद के अयोग्य हैं एवं अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने योग्य हैं। आदेश की प्रति मुख्य सचिव एवं सचिव विधि एवं सहकारिता को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्रवाही हेतु प्रेषित किया जावे कि की गई कार्यवाही से अधिकरण को सूचित किया जावे। न्यायालय द्वारा पंजीयक सहकारिता एवम् अन्य अधिकारियों के विरुद्ध कदाचरण संबंधी उपरोक्त टीप गंभीर प्रवृत्ति की है। कृपया छत्तीसगढ़ सरकार को उक्त अधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही किए जाने हेतु निर्देशित करने का कष्ट करना चाहेंगे।

4. धान खरीदी के संबंध में सभी व्यवस्था को सुनिस्चित किया जाए।जिला कलेक्टर जनमेजय महोबे को मांग पत्र सौपा ।

इस अवसर पर जिला सहकारिता प्रकोष्ठ संयोजक बिंदा चंद्रवंशी जिला किसान मोर्चा अध्यक्ष भुनेश्वर चन्द्राकर, जिला मंत्री भाजपा सुरेश दुबे, किसान मोर्चा मंडल अध्यक्ष संजय मिश्रा, किसान मोर्चा मंडल महामंत्री कमलेश दिवेदी, मंत्री दुर्गेश अवस्थी, जिला सहकारिता मीडिया प्रभारी नंद श्रिवास, भगत पटेल सहित भाजपा कार्यकता एवं किसान मोर्चा के कार्यकर्ता उपस्तिथ थे…

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