भोरमदेव साहित्य सृजन मंच कबीरधाम का वार्षिक अधिवेशन हुआ सम्पन्न

प्रदेश के कई सुप्रसिद्ध साहित्यकार और नामचिन कलाकार हुए सम्मिलित

कवर्धा। मंगलवार को लोहारा के मंगल भवन में भोरमदेव साहित्य सृजन मंच का दूसरा वार्षिक अधिवेशन -2022 का आयोजन हुआ| कार्यक्रम में प्रदेश भर से सौ से भी अधिक साहित्यकार और सौ से अधिक कलाकारों ने सिरकत की|
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुविख्यात गायिका पद्मश्री डाॕ ममता(मोक्षदा)चंद्राकर जी- कुलपति इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ थीं|कार्यक्रम के अध्यक्षता श्री
लखन लाल भौर्या जी कला एवं संगीत निदेशक आकाश वाणी रायपुर छ.ग. ने की, विशिष्ट अतिथि रहे -डाॕ अनिल कुमार भतपहरी जी- सचिव छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग रायपुर छत्तीसगढ़,श्रीमती भावना बोहरा जी जिला पंचायत सदस्य जिला पंचायत कबीरधाम,श्रीमती लीला धनुक वर्मा जनपद अध्यक्ष स./ लोहारा,श्रीमती उषा मनहरण श्रीवास नगरपंचायत अध्यक्ष स./ लोहारा|
माँ शारदा के पूजा अर्चना,
माल्यार्पण से अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलित करके कार्यक्रम के शुभारंभ किया गया|, साथ ही छत्तीसगढ़ महतारी के वंदना “अरपा पैरी के धार” राजगीत के सस्वर गायन किया गया | कार्यक्रम में पधारे हुए गणमान्य जनमानस के पावन आशीर्वाद से विधिवत कार्यक्रम का आगाज हुआ|
अतिथियों के अभिनंदन,स्वागत – सत्कार भोरमदेव साहित्य सृजन मंच के अध्यक्ष श्री मिनेश साहू जी,अउ संरक्षक श्री ज्ञानुदास मानिकपुरी जी के साथ कुंजबिहारी साहू जी,राम कुमार साहू जी ,राजकुमार मसखरे जी,घनश्याम कुर्रे जी, सुखदेव सिंह अहिलेश्वर जी,हेम सिंग साहू मास्टर जी, रिखिराम धुर्वेजी, वर्षा गुप्ता जी, कु.गायत्री श्रीवास , कु.डेलिशासाहू, कु.सुनैनाध्रुव हेमसिंग साहू मास्टरजी, अश्वनी कोसरे जी और भोरमदेव साहित्य सृजन मंच के सभी सदस्यों ने मिलकर किए|

अतिथि सत्कार के बाद प्रथम सत्र की शुरुआत हुई| इस सत्र का संचालन मंच के संयोजक ,गजलकार श्री कुंजबिहारी साहू जी के कुशल संचालन से विशेष क्षेत्र कला- साहित्य के लिए समर्पित विशिष्ट विभूतियों केमसम्मान हुआ|
छत्तीसगढ़ी भाषा (महतारी भाखा) के समृद्धि के लिए समर्पित,प्रतिबद्ध और संकल्पित व्यक्तित्व- छंद के छ आॕनलाइन गुरुकुल के संस्थापक श्री अरुण कुमार निगम जी दुर्ग को भोरमदेव साहित्य रतन सम्मान से नवाज़ा गया |
सम्मान के क्रम में श्रीमती जयंती यादव जी लोक गायिका (भिलाई- दुर्ग) भोरमदेव कला रतन सम्मान से सम्मानित हुईं, अंतराष्ट्रीय रंगोली आर्टिष्ट श्री प्रमोद साहू जी ला “नवा अँजोर ” सम्मानसे सम्मानित हुए|
महामारी कोरोना से बचाव जन सेवा व सुरक्षा के क्षेत्रों में जनसहयोग हेतू
मोर संग चलव सम्मान
-1 वक्ता मंच रायपुर -श्री चेतनभारती, दुष्यंथ साहू जी, शुभम जी
2.स्वास्थ्य विभाग कबीरधाम
डेरौठी के दीया सुरता सम्मान
1. स्व.श्री पाठक परदेशी वर्मा जी
(वरिष्ठ साहित्यकार) कबीरधाम
2.स्व.श्री महेंद्र देवांगन माटी जी (कवि -साहित्यकार)
कवर्धा कबीरधाम
भीषण महामारी कोरोना काल में बचाव के लिए पहल,जन जागरण के लिए
लोकधुन काव्य धारा सम्मान से सम्मानित कलाकार-साहित्यकार रहे -पद्मविभूषण डाॕ तिजनबाई भिलाई दुर्ग (अंतर्राष्ट्रीय पंडवानी गायिका),पद्मश्री फुलबासन यादव जी राजनांदगाँव,सुप्रसिद्ध लोकगायिका श्रीमती कविता वासनिक जी,छत्तीसगढ़ी संगीत निर्देशक गीतकार गायक चंद्रभूषण वर्मा जी, श्री नंदकुमार साहू जी (व्याख्याकार रामचरित मानस), सुप्रसिद्ध जस गायक डेविड निराला जी रायपुर, छंदकार कवि साहित्यकार श्री जीतेंद्र वर्मा खैरझिटिया जी राजनांदगाँव,हास्य व्यंग्य कवि श्री मनीराम साहू मितान जी सिमगा, वरिष्ठ गीतकार श्री गौतम चंद जैन जी गंडई, श्री ईश्वर साहू बंधी जी कवि-गीतकार रायपुर, श्री उमाकांत टैगोर जी छंदकार जांजगीर -चापा,दिनेश देहाती जी (मध्य प्रदेश), कवयित्री संतोषी महंत श्रद्धा जांजगीर चांपा, लोक कलाकार गायक सूरज श्रीवास जी, बाल पंडवानी गायक गुलशन प्रह्लाद निषाद सिंघनगढ़, छत्तीसगढ़ी लोक गायक श्री महादेव हिरवानी जी(धरोहर राजनांदगाँव),
लोकगयिका आरुसाहू जी रायपुर,लोक गायिका सुश्री लक्ष्मी करियारे जी कोरबा, श्री हेमराज सिन्हा जी सुप्रसिद्ध बांसुरी वादक खैरागढ़, बाल कला साधिका कु.स्वेच्छा साहू राजनांदगाँव, डिमान सेन जी लोकगायक महासमुंद, श्री बिरेन्द्र चंद्रसेन जी गीतकार लोक अनुहार बोड़ला,श्री हिमांशु हरिहरानो लोकगायक धमतरी,दिरगा राम यादव जी बांसगीत, श्री प्रभु सिन्हा लोक गायक (अनुराग धारा),श्रीमती भगवती साहू लोकगायिका(गुंडरदेही), श्री राकेश साहू जी प्रसिद्ध तबला वादक( गुंडरदेही),श्री राकेश सेन जी लोकगायक( वरिष्ठ गीतकार) लोक-अनुहार बोड़ला|
कवि-लेखक,गीतकार और भोरमदेव साहित्य सृजन मंच के अध्यक्ष श्री मिनेश साहू “मेघ” जी के बालसाहित्य पुस्तक “सगा-पुतानी”-के विमोचन अतिथियों के करकमलों से हुआ|
सगा -पुतानी बालसाहित्य के भूमिका वाचन वरिष्ठ छंदकार श्री सुखदेव सिंह अहिलेश्वर जी किए| जिसका लेखन वरिष्ठ साहित्यकार श्री पी सी लाल यादव जी ने किया है|बाल मनोरंजन के लिए लिखे गीत-कविता के सुंदर प्रस्तुतिकरण से बालपन के सुकोमल भावों को रेखांकित किया गया है|

” भोरमदेव साहित्य रतन” सम्मान से सम्मानित गुरुदेव श्री अरुण निगम जी अपने अनुभव उद्बोधन में बोले कि छत्तीसगढ़ी भाखा महतारी की सेवा करने वाले छंदसाधकों की संख्या दो सौ ले अधिक हो गए हैं| यह सम्मान उनके लगन, मेहनत और सतत सेवा साधना के परिणाम है| “छंद के छ” छत्तीसगढ़ी भाखा के कोठी को पूर्ण करने के लिए एक जनआंदोलन के रुप ले लिया है| भोरमदेव
” कला रतन सम्मान ” से सम्मानित रंगोली आर्टिष्ट श्री प्रमोद साहू जी अपने अनुभव कथन मे बताए कि बड़े मंच में जाने के लिए सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ना होता है| ललितकला बहुत धैर्य के साथ साधना से पूर्ण होता है|
कला रतन सम्मान ले सम्मानित
स्वर के मलिका श्रीमती जयंती यादव जी वर्तमान में चलते निर्थक गीतों पर चिंता जाहिर करते हुए बोलीं कि अब के गानों में मन नहीं भरता है|अपनी माटी-अस्मिता से वो लगाव स्थापित नहीं करा पाता है|
अपने कोकिलकंठ से सुमधुर गीत प्रस्तुत किए| गीत कोन से परिस्थितियों में बनते हैं उस समय के गीतकार डाॕ नरेंद्र देव वर्माजी , दाऊ राम चंद्र देशमुख जी,मुरली चंद्राकर जी के गीतों को प्रस्तुत की|
मुख्य अतिथि आदरणीया पद्मश्री डाॕ ममता चंद्राकर जी अपने उद्बोधन में बोलीं कि आज बहुत दिनों बाद कोई बड़े कार्यक्रम में इतने संख्या में कलाकारों का सम्मान हो रहा है| ऐसे आयोजन आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं| ऐसे कार्यक्रम नवोदित कलाकारों को उत्साहीत करते हैं|
ऐसे शानदार आयोजनों में वरिष्ठ कलासाधकों के साथ नवोदित कला साधकों को सम्मान से प्रोत्साराहन मिलता है|
छत्तीसगढ़ राज भाषा आयोग के सचिव
डाॕ अनिल भतपहरी जी बोले कि छत्तीसगढ़ के प्रत्येक गाँव में कलाकार और साहित्यकार हैं| उचित मंच के अभाव में प्रतिभा सामने नहीं आ पाती है| सदैव ऐसे प्रोत्साहन जरुरी है|
प्रथम सत्र के समापन बेला में मंच के सदस्यों ने अतिथियों को शाल -श्रीफल और मोमेंटो (प्रेम चिन्ह) भेंट करके स्वागत – अभिनंदन किए | भोजन -प्रसादी का समय हुआ, उपस्थित अतिथियों,साहित्यकारों,कलाकरों और दर्शकों ने स्वादिष्ट छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के आनंद लिए|

भोजन के बाद दूसरे सत्र का आगाज हुआ राज्य भर से पधारे कवियों के काव्य रस के बरसा होते रहा|इस सत्र के मुख्य अतिथि रहे-श्री सीता राम साहू श्याम जी वरिष्ठ साहित्यकार, गीतकार बालोद,अध्यक्षता -श्री चतुर राम साहू जी आकाशवाणी लोकगायक स./लोहारा ने की| विशिष्ट अतिथि रहे-
रामेश्वर शर्मा जी वरिष्ठ साहित्यकार रायपुर,श्री बृजकिशोर पाण्डेय अम्बर जी साहित्यकार कबीरधाम, श्री महेश आमदे सर इतिहासकार कवर्धा कबीरधाम|
इस सत्र के संचालन श्री ईश्वर साहू आरुग, हेम सिंह साहू मास्टर, अश्वनी कोसरे रहँगिया,श्री ज्ञानुदास मानिक पुरी जी ने की
काव्यपाठ के शुरुआत सूरज श्रीवास और लक्षमी करियारे जी के युगल स्वर में श्री गणपति महराज जी की वंदना से हुआ| डाॕ अशोक अकाश के गणेश वंदना
के साथ ही हास्य व्यंग्य के ठहाकों से भरे,धमाकेदार प्रस्तुति रही|फिर इस सत्र के अतिथि उद्बोधन की बारी आई -वरिष्ठ साहित्यकार श्री रामेश्वर शर्मा जी के आशीर्वचन में बोले संस्कार और संस्कृति को पुष्ट करने के लिए
माँ – बाप की भूमिका जीवन के लिए महत्वपूर्ण है | विशिष्ट अतिथि श्री सीता राम “श्याम” जी बोले कि ऐसे आयोजन से समाज में आपसी भाईचारा स्थापित होते हैं,मधुरता बनी रहती है, सामुहिक सदभाव पहपते हैं| और यही हमरे छत्तीसगढ़ की मूल पहचान है|आचार्य श्री बृजकिशोर पाण्डेय अम्बर जी अपने आशीर्वचन में बोले कि साहित्यकार मानव समाज लाको दिशा दिखाते है, वहीं कलाकार समाज के संस्कृति के वाहक होते हैं| दोनो के संगम से समाज में खुशी और आनंद का संचार होता है|
इतिहासकार श्री महेश आमदे जी बोले कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति परम्परा और लोककला, लोकसाहित्य बहुत समृद्ध है इन्हें नयी पीढ़ी को हस्तांतरित करना है,सौपना है,जिससे ये जनमानस में व्याप्त रहे|
कविता की अविरल धारा निरंतर बहती रही| काव्यपाठ करने वाले कवि रहे-,वरिष्ठ छंदकार श्री चोवाराम बादल वर्मा हथबंद,श्री घनश्याम सोनी दुर्ग, श्री ईश्वर साहू “आरूग” साजा, हरिश पटेल “हर” जी बेमेतरा,श्री लखनलाल साहू साकेत साहित्य परिषद राजनांदगाँव,श्री सुखदेव सिंह अहिलेश्वर जी गोरखपुर कवर्धाकबीरध,श्री मोहन लाल वर्मा जी तिल्दा,सचिन निषाद सूरगी राजनांदगाँव,सुनील शर्मा “नील” बेमेतरा, दयालूभारती सोनबरसाधाम कवर्धा, ओमप्रकाश साहू”अंकुर” राजनांदगाँव,देवजोशी गुलाब मधुर साहित्य परिषद बालोद
शशांक यादव गंडई,ईश्वर निषाद बेरला,विकास कश्यप बेमेतरा,श्री भागवत साहू जी टीमउमंग पिपरिया कवर्धा, कु वर्षा गुप्ता गगरिया खम्हरिया| श्री रमेश चौरिया जी कवर्धा कबीरधाम श्री लोकेश गुप्ता जी लोहारा
हेमलाल साहू नांदघाट, मोहन कबीरपंथी सिमगा,दिलिप पटेल थानखम्हरिया, ओमप्रकाश पात्रे “ओम” बेमेतरा,पप्पू सेन, महदीप जंघेल, कु गायत्री श्रीवास “अभिलाषा” दूजराम साहू खैरागढ़, मोहन मयारू भाटापारा
लवकेशभास्कर कवर्धाकबीरधाम,
युवराज साहू,श्री राजकुमार मसखरे जी,श्री बोधन निषाद विनायक स./लोहारा, प्रिया देवांगन राजिम,कमलेश प्रसाद शर्माबाबू गंडई
कु डेलिसा साहू, मास्टर पारसमणीसाहू पार्थ बबई, सुनैना ध्रुव चरखुरा पांडातराई,
संजीव उइके, दिलिप पुडेटी,श्रीमती रविबाला ठाकुर चिंताराम ध्रुव,आनंद मरकाम जी, युगल किशोर “युवा”, धर्मेंद्र डहरवाल “हरहा”,श्री कुंजबिहारी साहू जी,श्री घनश्याम कुर्रे अलकरहा जी कार्तिक मानिक पुरी जी, पारस जंघेल जी
हेमसिंग साहू मास्टर जी,श्री ज्ञानूदास मानिकपुरी जी, श्री रिखिराम धुर्वे “दूजहा” जी,श्री राजकुमार साहू जी,श्री देवचरण धुरी जी,रुपेश मानिकपुरी जी पवन साहू जी, अश्वनी कोसरे रहँगिया जी|
कार्यक्रम के समापन बेला में भोरम देव साहित्य सृजन मंच के सभी सदस्यों ने आत्मियता के साथ सभी मंचस्थ अतिथियों को शाल ,श्रीफल मोमेंटो भेंट करके अभिनंदन किए।
भोरमदेव साहित्य सृजन मंच के अध्यक्ष श्री मिनेश साहू “मेघ” जी सभी अतिथियों और गणमान्य जनमानस के प्रति आभार अभिवादन ज्ञापित किए|
अनुपम ,अविस्मरणीय, अद्भूत अउ एतिहासिक रूप ले पूर्णतः सफल कार्यक्रम के संयोजन के लिए भोरमदेव साहित्य सृजन मंच के सभी समर्पित, कर्मठ,जुझारू साथियों को हार्दिक बधाई।