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कराओके सांग में जामुनपानी स्कूल की छात्रा अमिषा ने जीता अतिथियों का दिल

कराओके सांग में जामुनपानी स्कूल की छात्रा अमिषा ने जीता अतिथियों का दिल


पण्डरिया – सिम्फनी म्यूजिकल ग्रुप पंडरिया के द्वारा सामुदायिक भवन पंडरिया में कराओके संगीत प्रोग्राम स्वरांजलि पार्ट 2.0 का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के लगभग 41 कराओके सिंगर्स ने भाग लिया था। इस कार्यक्रम में वनांचल क्षेत्र के प्राथ. शाला जामुनपानी की कक्षा चौथी की आदिवासी छात्रा कु. अमिषा चेचाम ने बड़ों के बीच में कराओके संगीत प्रोग्राम में हिस्सा लिया था। कार्यक्रम में अमिषा की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। बता दें कि कार्यक्रम के शुरू होने के पहले जब सभी प्रतिभागी नहीं पहुंचे थे तो सिंफनी म्यूजिकल ग्रुप के सदस्यों ने इस नन्ही सी बच्ची को ट्रायल के रूप में गाने के लिए कहा।

अमिषा ने ट्रायल के रूप में दो गीत प्रस्तुत किये। इन गीतों से ग्रुप के सदस्यों में से श्रीमती उमा पाठक और श्री देवेन्द्र गुप्ता इतना प्रभावित हुए कि कार्यक्रम शुरू होने के पूर्व ही उस बच्ची के लिए अपने मनपसंद का दो जोड़ी सूट लेने के लिए नगद एक हजार रूपए दे दिए और कहा कि अभी दुकान से खरीद कर ले आओ, पैसा कम पड़ेगा तो और दूंगा। कार्यक्रम शुरू होने पर प्रथम राउंड में अतिथियों के समक्ष इस बच्ची के द्वारा प्रस्तुत प्रथम गीत “मेरे झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे राम आएंगे” गीत सुनकर सभी अतिथियों सहित दर्शकगण खुशी से झूमने लगे और पुरस्कारों की बौछार होने लगी। दूसरे राउंड में उन्होंने ” मोर बर ले देना राजा लाली लुगरा” गीत प्रस्तुत किया। दूसरे गीत ने तो सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। कुल मिलाकर बच्ची ने लगभग 5700 रूपए प्रोत्साहन के रूप में पुरस्कार प्राप्त किया।

इस छोटी सी आदिवासी बच्ची ने अभावग्रस्त एवं वनांचल क्षेत्र से होने के बावजूद इतना आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति दिया कि सब देखते ही रह गए। उसके इस प्रतिभा को देखकर सभी हैरान थे। सभी ने इस बच्ची की उज्जवल भविष्य की कामना की। श्री देवेन्द्र गुप्ता ने उनके पिता और उनके शिक्षक से कहा कि इस बच्ची के प्रतिभा को दबाकर मत रखना और इसे बड़े मंच तक पहुंचाना और उसके लिए पैसों की जरूरत पड़े तो मुझसे मिलना। कार्यक्रम की सदस्य श्रीमती उमा पाठक तो उस बच्ची की इतनी फैन हो गई थी कि वे उसे कार्यक्रम के अंत तक अपने साथ ही रखी रही। उनके शिक्षक भुनेश्वर साहू ने बताया कि “होनहार बिरवान के होत चिकने पात” कथन को चरितार्थ करती हुई अमिषा हमारे शाला की शान है। वह एक अद्भुत प्रतिभा की धनी है। उन्हें बचपन से ही गाने का शौक है। वह केवल गायन में ही नहीं बल्कि पढ़ाई और डांस में भी बहुत अच्छी है। इस सफलता के पीछे उस बच्ची की कड़ी मेहनत है जो इस कार्यक्रम में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए की है। हमने तो केवल मार्गदर्शन करके उनके प्रतिभा को निखारने का एक छोटा सा प्रयास किया है। प्रफुल्ल बिसेन ने कहा कि इस बच्ची में जबरदस्त टैलेन्ट है जो इनके भविष्य उज्जवल करेगी। उस बच्ची को सभी का प्यार, दुलार एवं आशीर्वाद प्राप्त हुआ।

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