ChhattisgarhKabirdhamखास-खबर

जिला अस्पताल के हड्डी रोग विभाग में जटिल प्रकरणों का हो रहा सफल ऑपरेशन

  • कैबिनेट मंत्री के प्रयासों से जिला अस्पताल में हड्डी रोग, स्त्रीरोग, नेत्र रोग आदि अत्यावश्यक सेवाएं जारी।
  • जिला कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने चिकित्सकों को दी शुभकामनाएं, कहा कोरोना काल में भी चिकित्सकों की लगन सराहनीय।

कवर्धा। शासन व जिला प्रशासन जिले को “सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः” की तर्ज पर बीमारियों से मुक्त करने की राह पर अनवरत अग्रसर है। इसके लिए कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर के प्रयासों को अहम माना जा रहा है। उनके द्वारा कोरोना काल हो या इससे पूर्व, स्वास्थ्य विभाग में संसाधनों व स्टाफ की पर्याप्त पूर्ति की जा रही है। जिला अस्पताल में लंबे समय से रिक्त विशेषज्ञ चिकित्सकों की भर्ती के लिए भी माननीय मंत्री व जिला कलेक्टर द्वारा संयुक्त प्रयास करके व्यवस्था सुनिश्चित किया गया है। इसी का परिणाम है कि जिला अस्पताल स्त्री रोग, हड्डी रोग, नेत्ररोग, शिशुरोग व अन्य विभागों में अनेक बेहतर सेवाएं आरम्भ हो चुकी है। इसके साथ-साथ अब हड्डी रोग विभाग में भी अनेक जटिल और मंहगे प्रकरणों का निःशुल्क सफल ऑपरेशन जारी हो गया है। जिला कलेक्टर रमेश कुमार शर्मा ने चिकित्सकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कोरोना काल में भी चिकित्सकों की लगन सराहनीय है।

लाखों का ऑपरेशन हो रहा फ्री में

जिला अस्पताल में डॉ आदित्य चंदेल व उनकी टीम द्वारा अब लगभग 200 से अधिक सर्जरी की गई है, इनमें 75 अति गम्भीर प्रकरणों का ऑपरेशन किया जा चुका है। टीम ने कम्पाऊण्ड फ्रैक्चर बोथ बॉन लेग का इलिजारो पद्धति से उपचार किया गया है। बताया जाता है कि निजी क्षेत्रों में ढाई से तीन लाख तक का खर्च इस ऑपरेशन में आ जाता है। इसी प्रकार ऑस्टोटॉमी, ओपन फ़्रैक्चर, रेल रॉड फ़्रैक्चर, हेमेरिपेल प्लेसमेंट हिप्स, इन्टरार्टिकुलर फ्रेक्चर आदि अनेक समस्याओं का सफल उपचार जिला अस्पताल में किया जा रहा है। निजी अस्पतालों में इनका पचास हजार से तीन लाख रुपयों तक खर्च आता है, जिला अस्पताल में यह सेवाएं निःशुल्क उपलब्ध हैं।
गत शनिवार को भी एक ऐसा ऑपरेशन हड्डी रोग विभाग के चिकित्सकों की टीम द्वारा किया गया है। विशेषज्ञों की टीम ने बताया कि 17 वर्षीय बालक के जांघ की हड्डी टूटने पर 8 माह पहले उसका किसी निजी चिकित्सालय में उपचार कराया गया था। जांघ को सपोर्ट के लिए 4 रॉड डाला गया था, जिसमें दर्द बढ़ने की शिकायत लेकर मरीज जिला अस्पताल आया था। जांच में पाया गया कि जांघ में अंदरूनी घाव के कारण पस आने लगा था और तत्काल ऑपरेशन करके रॉड को हटाया जाना जरूरी है। अतः समस्त जांच उपरांत ऑपरेशन आयोजित कर बच्चे के पैर सुरक्षित कर लिए गए हैं। चिकित्सकों ने बताया कि यदि निजी क्षेत्रों में यह ऑपरेशन कराया जाता तो मरीज के परिजनों को लगभग 50,000 तक के खर्चे वहन करने पड़ते, लेकिन शासकीय अस्पताल में यह सेवा निःशुल्क उपलब्ध है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page