ChhattisgarhRajnandgaon

राजनांदगांव : वनमंडल राजनांदगांव द्वारा वैध अभिलेख नहीं होने के कारण आरा मिलों को सील एवं काष्ठ जप्त की कार्रवाई

राजनांदगांव: राजनांदगांव वनमंडल के अंतर्गत वन अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा आरा मिलों में काष्ठों का मिलान अथवा वैध अभिलेखों के नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान (विनियम) अधिनियम 1984 के तहत कार्रवाई कर आरा मिलों को सील एवं काष्ठ जप्त किया गया। वनमंडलाधिकारी ने बताया कि कार्रवाई के दौरान कुशल इंडस्ट्रीज कातुल बोड़ भाठागांव, हरसहाय बालाराम खण्डेलवाल सॉ मिल राजनांदगांव, एवर ग्रीन इण्डस्ट्रीज ग्राम-महरूम खुर्द, इस्माईल सॉ मिल गैंदाटोला, जय काली टेऊिडंग कंपनी राजनांदगांव, गट्टानी टेऊडिंग कंपनी, कटकवार सॉ मिल डोंगरगांव, दुबे आरा मिल गैंदाटोला, गुरूनानक सॉ मिल बिहरीकला, सिंध सॉ मिल डोंगरगांव, ग्राम आसरा के किसान श्री ईश्वर लाल, कृष्णा टिम्ब्र मार्ट राजनांदगांव में कार्रवाई के दौरान पीलिंग मशीन, आरा मशीन, मिनी बैण्ड सॉ, काष्ठ, कहुंआ एवं करंज सील एवं जप्त किया गया।
इसी प्रकार काष्ठों का बिना सक्षम अधिकारी के परिवहन अनुज्ञा पत्र नहीं होने पर छत्तीसगढ़ अभिवहन (वनोपज) नियम 2001 के अंतर्गत काष्ठ वाहन मालिक तहसील छुरिया के ग्राम भोलापुर निवासी श्री सुरेन्द्र चतुर्वेदी के ट्रेक्टर एवं ट्रॉली में 11 नग नीम लट्ठा तथा तहसील डोंगरगांव के ग्राम अर्जुनी निवासी श्री संजय के महेन्द्रा ट्रेक्टर एवं 11 नग नीम लट्ठा को जप्त कर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 52 के प्रावधानों के तहत राजसात की कार्रवाई की गई।
वनमंडलाधिकारी ने जानकारी दी कि राजनांदगांव वनमंडल अंतर्गत संस्थित एवं संचालित हो रही सभी आरा मिलों को नियमानुसार अनुज्ञा पत्र की आवश्यकता होती है और यह अनुज्ञा पत्र प्रत्येक वर्ष जनवरी माह में अनुज्ञापन अधिकारी वनमंडलाधिकारी के हस्ताक्षर से विहित शुल्क की अदायगी के पश्चात् अधिकतम 3 वर्षों के लिए जारी की जाती है। इसके साथ-साथ प्रतिबंधित काष्ठ के भण्डारण पाये जाने पर छत्तीसगढ़ वनोपज (व्यापार विनिमन) अधिनियम 1969 एवं भारतीय वन अधिनियम 1927 के अंतर्गत जप्ती की कार्रवाई करते हुए वन अपराध कायम किया जाता है। वनमंडल अंतर्गत आरा मिल, पीलिंग मशीन अनाधिकृत रूप से संचालित एवं प्रतिबंधित काष्ठ का भंण्डारण अथवा परिवहन रोकने के उद्देश्य सेे सभी आरा मिल संचालकों को सूचित किया गया है कि छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान (विनियम) अधिनियम 1984 की धारा 7 के तहत वनमंडलाधिकारी के निर्देश पर वन अमलों के अधिकारी एवं कर्मचारियों द्वारा आकस्मिक निरीक्षण एवं जांच की कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही परिवहन मालिकों को भी सूचित किया गया है कि वनोपज सिरिस (अलबीजिया प्रजातियां) एवं नीम (अजाडरक्टा इंडिका) प्रजाति का जिले के भीतर वनोपज का परिवहन करने के लिए ग्राम पंचायत या उसके प्राधिकृत व्यक्ति का अभिवहन पास जारी करेगा एवं जिले के बाहर वनोपज का परिवहन करने के लिए अभिवहन पास, वनमंडलाधिकारी द्वारा प्राधिकृत वन अधिकारी (फारेस्ट ऑफिसर) द्वारा जारी किया जाएगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page