भारतीय सेना का चीन को मुंहतोड़ जवाब, गृह राज्यमंत्री ने ट्वीट किया लद्दाख में तैयारी का वीडियो


Image Source : VIDEO GRAB
नई दिल्ली: लद्दाख में एलएसी पर चीन भले विवाद कम करने की बात कर रहा है, लेकिन उसके सैनिकों के युद्धाभ्यास करने की तस्वीरें और वीडियो लगातार आ रहे हैं। इसे लेकर लद्दाख में सीमा पर चीन से जारी तनाव के बीच भारतीय सेना पूरी तरह सतर्क और तैयार है। इस बीच आज केंद्रीय गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी ने भारतीय सेना के एक वीडियो को ट्वीट किया है। ध्रुव वॉरियर्स नामक इस वीडियो में लद्दाख में भारत की पूरी तैयारी दिखाई दे रही है। इस वीडियो में भारतीय सेना की जल, थल और नभ की तैयारी दिखाई दे रही है। सेना के इस वीडियो को चीन को जवाब माना जा रहा है।
उन्होंने लिखा है कि भारतीय सेना (@adgpi) का यह प्रेरणादायक और सांसों को रोकने वाली वीडियो। लद्दाख के उत्तरी भाग में हमारी सीमाओं को सुरक्षित करते भारतीय सैनिक, जरूर देखें। वीडियो में भारतीय सेना की लद्दाख में टैंक से लेकर पैदल सेना की तैयारी को दिखाया गया है। यानी भारत के जांबाजों के लिए कोई लक्ष्य मुश्किल नहीं। हर वक्त सतर्क, हर वक्त निशाने पर दुश्मन वाला यह वीडियो दुश्मनों के लिए चेतावनी है।
इससे पहले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने मध्य हुबेई प्रांत के ऊंचाई वाले उत्तर पश्चिमी इलाके में हजारों पैराट्रूपर्स और बख्तरबंद वाहनों के साथ युद्धाभ्यास किया। जिसका वीडियो चीनी मीडिया ने शेयर किया था। विशेषज्ञों के मुताबिक, यह पूरा ऑपरेशन चंद घंटों में पूरा कर लिया गया। दरअसल इसका मकसद भारत के साथ लगती सीमा पर जल्द से जल्द भारी हथियार और साजो सामान पहुंचाने की तैयारियों को परखना था।
This inspiring and breathtaking video of Indian Army (@adgpi), who are securing our borders in the northern part of Ladakh is a must watch. pic.twitter.com/1le8vltPXS
— G Kishan Reddy (@kishanreddybjp) June 8, 2020
बता दें कि पिछले महीने की शुरुआत में गतिरोध पैदा होने के बाद भारतीय सैन्य नेतृत्व ने फैसला किया था कि भारतीय जवान पैंगोंग सो, गलवान घाटी, डेमचोक और दौलत बेग ओल्डी के सभी विवादित क्षेत्रों में चीनी सैनिकों के आक्रामक रवैये के खिलाफ दृढ़ रुख अपनाएंगे। सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना एलएसी के निकट अपने पीछे के सैन्य अड्डों पर रणनीतिक रूप से जरूरी चीजों का धीरे-धीरे भंडारण कर रही है, जिनमें तोप, युद्धक वाहनों और भारी सैन्य उपकरणों आदि को वहां पहुंचाना शामिल है।
उन्होंने कहा कि चीन ने उत्तरी सिक्किम और उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगे कुछ क्षेत्रों में भी अपनी उपस्थिति बढ़ायी है, जिसके बाद भारत भी अतिरिक्त सैनिकों को भेजकर अपनी उपस्थिति बढ़ा रहा है। सूत्रों का कहना है कि मौजूदा गतिरोध के शुरू होने की वजह पैंगोंग सो झील के आसपास फिंगर क्षेत्र में भारत द्वारा एक महत्वपूर्ण सड़क निर्माण का चीन का तीखा विरोध है। इसके अलावा गलवान घाटी में दरबुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी मार्ग को जोड़ने वाली एक और सड़क के निर्माण पर चीन के विरोध को लेकर भी गतिरोध है।
पैंगोंग सो में फिंगर क्षेत्र में सड़क को भारतीय जवानों के गश्त करने के लिहाज से अहम माना जाता है। भारत ने पहले ही तय कर लिया है कि चीनी विरोध की वजह से वह पूर्वी लद्दाख में अपनी किसी सीमावर्ती आधारभूत परियोजना को नहीं रोकेगा। दोनों देशों के सैनिक गत पांच और छह मई को पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग सो क्षेत्र में आपस में भिड़ गए थे। पांच मई की शाम को चीन और भारत के 250 सैनिकों के बीच हुई यह हिंसा अगले दिन भी जारी रही।
इसी तरह की एक घटना में नौ मई को सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास लगभग 150 भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे। भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी को लेकर है। चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है, वहीं भारत का इस पर अपना दावा है। दोनों पक्ष कहते रहे हैं कि सीमा मसले का अंतिम समाधान जब तक नहीं निकलता, सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाये रखना जरूरी है।