ChhattisgarhKabirdham

कड़कनाथ मुर्गी पालन से समहू को होने लगा अच्छी आमदानी, कुछ ही दिनों में कमाए हजारों रूपए

0 मॉडल गौठान बिरकोना में आजीविका के लिए कड़कनाथ मुर्गी का हो रहा व्यवसाय

0 सुराजी गांव योजना को साकार करने विभागीय योजनाओं से अभिसरण कर महिलाओं को मिल रहा लाभ’  

कवर्धा, 25 सितम्बर 2020। सुराजी गांव योजना के तहत ग्रामीणों को स्वालंबन और आत्मनिर्भर बनाने के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बहुत से पहल की जा रही है। इसी क्रम में नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी को मिलाकर समावेशी विकास का कार्य ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहा है। जिला मुख्यालय कबीरधाम से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मॉडल गौठान बिरकोना आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। बिरकोना गौठान में बहुत से आजीविका की गतिविधियां महिला समूह के माध्यम से संचालित की जा रही है। शासन के विभिन्न योजनाओं को मिलाकर अभिसरण के माध्यम से ग्रामीण औद्योगिक केंद्र के रूप में अनूठा प्रयास जिले में संचालित हो रहा है जो कड़कनाथ मुर्गी पालन के रूप में चर्चा का विषय बना हुआ है।

जिला खनिज न्यास के माध्यम से कृषि विज्ञान केंद्र कवर्धा द्वारा ग्रामीण महिलाओं को कड़कनाथ पालन करने के लिए तैयार किया गया। प्रथम चरण में 500 कड़कनाथ के चूजे जय माता रानी स्व सहायता समूह को दिया गया। समूह की महिलाओं को कड़कनाथ से होने वाले आमदनी और उसके फायदे से परिचित कराते हुए आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया गया। पिछले सात से आठ माह की इस छोटी ही अवधि में इस प्रयास का सुखद परिणाम अब दिखने लगा है। क्षेत्र के लोगों की मांग अनुसार लगभग 80 किलो कड़कनाथ विक्रय कर समहू की महिलाओं ने लगभग 20 हजार रूपए से अधिक की आमदनी कर ली है।

कवर्धा कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ ब्रजेश्वर प्रसाद त्रिपाठी कवर्धा बताते हैं कि कड़कनाथ का पालन कबीरधाम जिले के मौसम अनुकूल है। कड़कनाथ बहुत से मायने में उपयोगी सिद्ध होता है, क्योंकि कड़कनाथ पक्षियों में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन उपलब्ध होता है तथा इसमें वसा की मात्रा अत्यंत कम होती है। यही कारण है कि हृदय रोगियों के लिए भी या लाभप्रद होता है। श्री त्रिपाठी आगे बताते हैं कि कड़कनाथ में रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य पक्षियों के तुलना में अत्यधिक होता है जिसके कारण इसका सेवन करने से व्यक्तियों को बहुत लाभ मिलता है। जय माता रानी महिला समूह के द्वारा निरंतर कार्य किया जा रहा है साथ ही कड़कनाथ पालन के लिए महिलाओं को लगातार प्रशिक्षित करते हुए सभी जरूरी सहायता प्रदान की गई है जिसका परिणाम अब कड़कनाथ तैयार होने की अवस्था में है, जो मांग अनुसार इसका विक्रय बिरकोना गौठान से ही किया जा रहा है और महिला समूह की सदस्य कहीं बाहर नहीं जाते हुए अपने गांव में इससे आर्थिक लाभ अर्जित कर रही है ।

’कड़कनाथ से महिला समहू को होने लगा फायदा-जिला पंचायत सीईओ

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कबीरधाम श्री विजय दयाराम के. ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के सभी गौठान को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी क्रम में मॉडल गौठान बिरकोना में जिले का एकमात्र कड़कनाथ पालन केंद्र स्थापित किया गया है। इसका संचालन महिला स्व सहायता समूह के माध्यम से हो रहा है। उन्होने बताया कि बताया की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के साथ ,कृषि विज्ञान केंद्र कवर्धा, पशुपालन विभाग, जिला खनिज न्यास एवं अन्य शासकीय योजनाओं का अभिसरण कर कड़कनाथ पालन का कार्य हो रहा है। अब इसका परिणाम दिखने लगा है। महिला समूह कुछ ही दिनों में लगभग 20 हजार रूपए से अधिक की आमदनी अर्जित कर ली है। भविष्य में कड़कनाथ के और 500 चूजे महिला समूह को दिए जाने की योजना है जिससे समहू की व्यापारिक गतिविधि को और आगे बढ़ाया जा सके। निश्चित तौर पर कड़कनाथ पालन और विक्रय से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं आत्मनिर्भर हुई है जिसके कारण गांव की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page