पंडरिया में दशहरा उत्सव पर तनाव के बादल..दो पक्षों के बीच खींचतान और तू-तू, मैं-मैं की स्थिति..भय और अशांति का माहौल

पंडरिया में दशहरा उत्सव पर तनाव के बादल..दो पक्षों के बीच खींचतान और तू-तू, मैं-मैं की स्थिति..भय और अशांति का माहौल
टीकम निर्मलकर AP न्यूज़ कबीरधाम/पंडरिया: विजयादशमी का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस बार पंडरिया में दशहरा उत्सव पर तनाव के बादल गहराते नज़र आ रहे हैं। स्वामी आत्मानंद विद्यालय परिसर में होने वाले रावण दहन कार्यक्रम को लेकर दो पक्षों के बीच खींचतान और तू-तू, मैं-मैं की स्थिति ने नगरवासियों को असमंजस और भय के माहौल में डाल दिया है।
जानकारी के अनुसार, दशहरे का आयोजन हर वर्ष धूमधाम से होता रहा है, लेकिन इस बार आयोजन को लेकर विवाद सामने आया है। दोनों पक्षों के बीच बनी खींचतान ने न केवल समिति की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं बल्कि आमजन की खुशी को भी फीका कर दिया है। नगरवासियों का कहना है कि दशहरे जैसे बड़े पर्व पर जहां चारों ओर उल्लास और उत्साह का वातावरण होना चाहिए, वहीं इस बार लोगों के मन में भय और अशांति का माहौल है।
स्थानीय नागरिकों ने आशंका जताई है कि यदि विवाद बढ़ा तो रावण दहन कार्यक्रम के दौरान भगदड़ जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है। लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि वह समय रहते हस्तक्षेप कर स्थिति को सामान्य बनाए। वहीं सूत्रों का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है और आयोजन स्थल पर अतिरिक्त बल तैनात किए जाने की तैयारी की जा रही है।
नगर के वरिष्ठ नागरिकों और बुद्धिजीवियों ने भी अपील की है कि दोनों पक्ष आपसी मतभेद भुलाकर समाज और नगर की गरिमा को बनाए रखें। उनका कहना है कि दशहरा असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, इसलिए इस पर्व को विवाद की भेंट चढ़ाना दुर्भाग्यपूर्ण होगा।
नगर में इस स्थिति को लेकर लोगों में चर्चा का दौर तेज है। अब देखना होगा कि प्रशासन और आयोजन समिति किस तरह से हालात संभालते हैं और दशहरे के पर्व को शांति व सौहार्दपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराते हैं।