मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेर रहा परियोजना अधिकारी.नही खुलता खरहट्टा में आंगनबाड़ी

मुख्यमंत्री की मंशा पर पानी फेर रहा परियोजना अधिकारी.नही खुलता खरहट्टा में आंगनबाड़ी
एकीकृत बाल परियोजना पंडरिया के अंतर्गत ग्राम खरहट्टा में संचालित आंगनबाड़ी कें संचालन नही के बराबर हो रहा है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चमेली बाई कोसरिया छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के सदस्य दिनेश कोसरिया के पत्नी है । चमेली बाई
पंडरिया में अपने सदस्य पति के साथ रहती है और रेडी टू ईट वितरण के दिन आंगनबाड़ी सहायिका खोलकर वितरण करती हैं। बाकी दिन बंद
रहता है। जिसका जानकारी एकीकृत बाल बाल परियोजना अधिकारी राजेन्द्र गेंदले और अन्य जिम्मेदार लोगों को भी है। लेकिन सभी जिम्मेदारो को अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करने में सछम नजर नही आ रहे है। क्योंकि सत्ता पक्ष के छत्तीसगढ़ शासन अनुसूचित जाति प्राधिकरण के सदस्य के सदस्य दिनेश कोसरिया का डर हैं।
सारी योजनाये केवल कागजो में
आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों और महिला और किसोरी बालिकाओ के लिए तरह तरह के योजनाये संचालित है । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा कुपोषण मुक्त
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के लिये अनेक प्रकार के मीनू बनाकर भोजन दिया जाने का योजनाएं बनाई गई हैं।
जब आंगनबाड़ी ही नही खुलता तो
हितग्राहियों को उसका लाभ कैसे मिलेगा। ऑनलाइन सुविधा होने के कारण सभी जानकारी केवल कागजों में संचालित किया जाता हैं । ऐसा बोलना
कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा ।
जिम्मेदार अपने जिम्मेदारी से भाग रहे हैं।
आंगनबाड़ी केंद्रों के संचालन के लिए अलग अलग अधिकारी कर्मचारी की अलग अलग जिम्मेदारी तय किया गया है । सेक्टर सुपरवाइजर के द्वारा प्रति माह कम से कम 15आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण करना होता है। उसी तरह परियोजना अधिकारी को भी निरीक्षण करना होता है। लेकिन केंद्र बंद रहने की स्थिति में कोई निरीक्षण नही होता। और जिम्मेदार अधिकारी अपने जिम्मेदारी से भाग रहे है।
जानकारी परियोजना अधिकारी को भी है।
खरहट्टा के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चमेली बाई पंडरिया में रहती हैं और उसके पति छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के सदस्य है।