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कवर्धा! छुटभैय्या नेताओं की पहुंच और पुलिस के सांठगांठ के चलते शहर में फ़ल फूल रहा सट्टा का अवैध व्यापार

सिटी कोतवाली कवर्धा के चंद मीटर की दूरी में ही चल रहा सट्टे का गोरख धंधा।

भोजली तालाब में लगे ठेलों पर बेखौफ होकर लिखा जा रहा सट्टा अंक।

कवर्धा : ज़िले व शहर के हर इलाके में सट्टे का कारोबार निरंतर चलते जा रहा है, रोजाना पुलिस ऐसे आरोपियों पर कार्रवाई कर रही है लेकिन उसके बाद भी शहर में सट्टे का कारोबार बंद नहीं हो रहा है। वही अब जिले में ऑनलाइन सट्टे का कारोबार भी जोरो पर चल रहा है। रोजाना दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों से ऑनलाइन सट्टा खिलाया जा रहा है। शहर में एक समय था कभी चोरी-छिपे चलने वाला सट्टा बाजार आज-कल कानून की ढीली पकड़ की वजह से बड़े खाईवालों के संरक्षण में खुलेआम संचालित हो रहा है। ओपन, क्लोज और रनिंग के नाम से चर्चित इस खेल में जिस प्रकार सब कुछ ओपन हो रहा है उससे ऐसा ही लगता है कि खाईवाल को कानून का कोई खौफ नहीं रह गया है। छुटभैय्या नेताओं की पहुंच और पुलिस से सांठगांठ के चलते ये अवैध कारोबार को बाकायदा लाइसेंसी कारोबार के रूप में खुलेआम शहर में संचालित हो रहा है।

सुबह होते ही सट्टा लगना शुरू

शहर में खुलेआम सट्टा और जुआ का खेल चल रहा है। सुबह होते ही सट्टा लगना शुरू हो जाता है और देर रात तक चलता है। खुलेआम चले रहे इस कारोबार पर न तो पुलिस की नजर है और ना ही वह इस पर लगाम कसने का प्रयास कर रहे हैं। यही वजह है कि यह कारोबार लगातार बढ़ता जा रहा है। ऑनलाइन सट्टा कारोबार से जुड़े सक्रिय सदस्य सट्टा लगाने वाले को नहीं जानते। वह केवल उनके खाते को जानते हैं। इसके बाद सट्टेबाज उनका खाता नंबर लेता है। ताकि सट्टा हार जाने के बाद वह रुपये देने से मुकरे तो सीधे उसके खाते से ऑनलाइन रुपये निकाल लिया जाता है।

पुलिस और खाईवालों की सेटिंग

पुलिस और खाईवालों की सेटिंग इतनी तगड़ी है कि ऊपर अधिकारियों को दिखाने ये खाईवाल अपने गुर्गों के नाम हर महीने एक-एक प्रकरण बनवा देते हैं। ऊपर बैठे अफसरों को लगता है पुलिस कार्रवाई कर रही है। जबकि वास्तव में ये सांठगांठ का एक पहलू होता है। सवाल ये है कि जब पुलिस हर महीने सटोरियों के गुर्गों के खिलाफ कार्रवाई करती है तो फिर उनसे पूछताछ कर खाईवालों तक क्यों नहीं पहुंच पाती। 

सट्टेबाजों के हौसले बुलंद

विश्वसनीय सूत्रों की माने तो सट्टा व्यापार के लालच में फंसकर कई लोग अपनी किस्मत आजमाते है। बाद में इसमें फंसकर अपना सब कुछ भी गवां बैठते है। पुलिस इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, कार्यवाही न होने की वजह से इस गोरखधंधे पर पूरी तरह अंकुश नही लग पा रहा है और अवैध कारोबार में लिप्त गिरोह के लोगो के हौंसले बुलंद हैं। शहर में यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक लोग फोन पर अपना नंबर बताते लिखवाते हैं और नंबर आने पर इन्हीं सट्टा खाईवाल एजेंटों के माध्यम से पैसे का लेन-देन किया जाता है।

सट्टे का व्यापार जोरों पर

शहर में सट्टे का कारोबार का संचालन जोरो पर है। सूत्रों की माने तो छुटभैय्या नेता और स्थानीय लोगों की मदद से जुएं एवं सट्टे का कारोबार चल रहा है। शहर में लंबे समय से यह कारोबार का संचालन किया जा रहा है लेकिन यहां तक वर्दीधारियों की पहुंच नहीं हो पा रही है और यही कारण है कि स्थानीय लोगों की मदद से सट्टा का कारोबार तेजी से फल फूल रहा है। सट्टे में पर्ची व ताश के पत्ते के सहारे सट्टे का खेल कुछ जगह पर लंबे समय से चल रहा। सट्टे के इस बाजार में जाने वाला हर व्यक्ति अपनी जेब ढीली कर रहा है। दिनों दिन बढ़ते इस कारोबार में सट्टा संचालक मोटी रकम हासिल कर रहे हैं, जिन्हें पुलिस का जरा भी खौफ नहीं है। बढ़ते सट्टे व जुए के कारोबार के चलते आस पास के लोग काफी परेशान हैं।

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