BIG NewsINDIATrending News

24 किमी साइकिल चलाकर स्कूल जाने वाली छात्रा ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में लाए 98.75% अंक

24 किमी साइकिल चलाकर स्कूल जाने वाली छात्रा ने 10वीं बोर्ड परीक्षा में लाए 98.75% अंक
Image Source : SOCIAL MEDIA

भिंड (मध्यप्रदेश): अपनी पढ़ाई को जारी रखने के लिए साइकिल चलाकर 24 किलोमीटर का सफर तय कर स्कूल आने-जाने का दृढ़ निश्चय लेने वाली मध्य प्रदेश के एक गांव की 15 वर्षीय छात्रा ने 10वीं की बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए 98.75 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं। अपने इस उत्कृष्ट प्रदर्शन से खुश रोशनी भदौरिया प्रशासनिक सेवा में अपना करियर बनाना चाहती हैं। इस लड़की के पिता ने कहा कि उसे अपनी बेटी की इस उपब्लिध पर गर्व है और अब स्कूल आने-जाने के लिए उसके लिए साइकिल के बजाय परिवहन की कोई अन्य सुविधा उपलब्ध कराऊंगा।

रोशनी चंबल क्षेत्र के भिंड जिले के अजनोल गांव की रहने वाली है और उसने मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल के 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 98.75 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रावीण्य सूची में आठवीं रैंक पाई है। यह परिणाम शनिवार को घोषित हुआ है। उसके पिताजी पुरुषोत्तम भदौरिया ने बताया कि आठवीं तक मेरी बेटी दूसरे स्कूल में पढ़ती थी और वहां आने-जाने के लिए बस की सुविधा थी, लेकिन नौवीं में उसने मेहगांव स्थित शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में दाखिला ले लिया। यह स्कूल हमारे गांव अजनोल से 12 किलोमीटर दूर है और वहां आने-जाने के लिए बस सुविधा भी नहीं है।

उन्होंने कहा, ”इस स्कूल में आने-जाने के लिए टैक्सी जैसी अन्य सुविधाएं भी नहीं थी। इसलिए मेरी बेटी कई दिनों तक साइकिल से स्कूल गई।” भदौरिया ने बताया कि अब मैं उसके लिए स्कूल आने-जाने के लिए साइकिल के बजाय कोई अन्य वाहन का बंदोबस्त करूंगा। उन्होंने कहा कि अजनोल गांव के सभी लोग मेरी बेटी के इस उत्कृष्ट प्रदर्शन से खुश हैं, क्योंकि हमारे गांव में किसी को भी ऐसी सफलता नहीं मिली है। पुरुषोत्तम भदोरिया किसान हैं और उसके दो बेटे भी हैं।

जब रोशनी से साइकिल से स्कूल आने-जाने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा, ”साइकिल से स्कूल जाना कठिन है। मैंने गिना नहीं कि कितने दिन मैं साइकिल से स्कूल गई। लेकिन अनुमान है कि मैं 60 से 70 दिन साइकिल से स्कूल गई। जब भी मेरे पिताजी को वक्त मिला, तब वे मुझे स्कूल मोटरसाइकिल से ले गए।” लड़की ने बताया, ”स्कूल से आने के बाद मैं सात-आठ घंटे पढ़ाई करती थी।” रोशनी ने कहा कि वह सिविल सर्विस की परीक्षाएं पास कर आईएएस अधिकारी बनना चाहती है।

मेहगांव शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्राचार्य हरीशचंद्र शर्मा ने रोशनी की उपलब्धि और दृढ़ निश्चय के लिए उसकी सराहना की।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page