ChhattisgarhINDIAKabirdhamTechViralWorldखास-खबर

मात्स्यिकी पाॅलीटेक्निक राजपुर धमधा के प्राचार्य ने ऑस्ट्रेलिया में शोध पत्र पढ़कर किया छत्तीसगढ़ प्रदेश का नाम रोशन

दुर्ग –  धमधा 21 से 25 जुलाई, 2025 को आयोजित होने वाले 20 वें विश्व झील सम्मेलनः 2025, ब्रिस्बेन ऑस्ट्रेलिया में डाॅ. निरंजन सारंग, सह-प्राध्यापक/वरिष्ठ वैज्ञानिक ने अपना शोध पत्र ‘‘छत्तीसगढ़ के जलीय स्त्रोतों के जल की गुणवत्ता के लिए जैव सूचकांक के रूप में नितलक जीवों की विविधता का उपयोग‘‘ विषय पर पत्र पढ़ा।

डाॅ. सारंग ने बताया की 20 वें विश्व झील सम्मेलन इस बार ग्रिफीथ विश्वविद्यालय, ब्रिसबेन ऑस्ट्रेलिया ने आयोजित किया।

इस अंतर्राष्ट्रीय झील सम्मेलन में विश्व भर से लगभग 22 देशों के वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

भारत से चार प्रदेशों महाराष्ट्र, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ एवं राजस्थान के वैज्ञानिकों ने भाग लिया था। डाॅ. सारंग ने यह भी बताया की पाँच दिन विश्व झील सम्मेलन में जलीय पर्यावरण प्रबंधन पर मंथन किया गया, चर्चा में विशेष रूप से नदियों, जलाशयों, झीलों, तालाबों एवं वेट-लेेंड आदि जलीय स्त्रोतों के वैज्ञानिक प्रबंधन पर समीक्षा की गई।

डाॅ. सारंग ने छत्तीसगढ़ के जलीय पर्यावरण पर शोध पत्र में जैव सूचकांक के महत्व को बताते हुए छत्तीसगढ़ प्रदेश का नाम विश्व के पटल पर रोशन किया।

डाॅ. सारंग इससें पहले इन्डोनेशिया एवं जापान में भी आयोजित विश्व झील सम्मेलनों में भी जलीय जैव विविधता पर अपने शोध पत्र पढ़ चुके है।

डाॅ. निरंजन सांरग वर्तमान में दाऊ श्री वासुदेव चन्द्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के अधीन स्व. श्री पुनाराम निषाद मात्स्यिकी महाविद्यालय कवर्धा में मत्स्य संसाधन प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष एवं सह-प्राध्यापक के पद पर कार्यरत् है साथ में मात्स्यिकी पाॅलीटेक्निक, राजपुर, धमधा के प्राचार्य का कार्यभार भी देख रहे हैै। डाॅ. सारंग की शिक्षा-दीक्षा राजस्थान के झीलों की नगरी के नाम से विख्यात उदयपुर शहर मेें हुई। वे राजस्थान के अलवर जिले के एक छोटे से गाॅव सुनारी के रहने वाले है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page