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सोनिया गांधी ने लॉकडाउन के मापदंड पर उठाए सवाल, कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र से मांगा वित्तीय पैकेज

सोनिया गांधी ने लॉकडाउन के मापदंड पर उठाए सवाल

नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने लॉकडाउन को लगातार बढ़ाए जाने को लेकर बुधवार को सवाल किया कि यह तय करने का सरकार का मापदंड क्या है कि लॉकडाउन कितने लंबे समय तक जारी रहेगा। उन्होंने पार्टी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई बैठक में यह टिप्पणी की। बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कोरोना महामारी के कारण राजस्व के भारी नुकसान का उल्लेख करते हुए कहा कि केंद्र सरकार को प्रदेशों के लिए आर्थिक पैकेज देना चाहिए।

मुख्यमंत्रियों ने यह आरोप भी लगाया कि कोरोना से संबंधित जोन का निर्धारण करने के लिए केंद्र की तरफ से राज्यों के साथ सलाह-मशविरा नहीं किया जा रहा है। इस बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम भी शामिल हुए। सोनिया ने कहा, ‘‘17 मई के बाद क्या? 17 मई के बाद कैसे होगा? भारत सरकार यह तय करने के लिए कौन सा मापदंड अपना रही है कि लॉकडाउन कितना लंबा चलेगा।’’

बैठक में उनकी बात का समर्थन करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, ‘‘जैसा सोनिया जी ने कहा है कि हमें यह जानने की जरूरत है कि लॉकडाउन-3 के बाद क्या होगा?’’ किसानों को लेकर सोनिया ने कहा, ‘‘हम अपने किसानों खासकर पंजाब और हरियाणा के किसानों का धन्यवाद करते हैं कि उन्होंने तमाम दिक्कतों के बावजूद गेंहू की शानदार उपज पैदा करते हुए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की है।’’

बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि कोविड-19 से निपटने की रणनीति का मुख्य बिंदु बुजुर्गों तथा मधुमेह और दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों को बचाना है। कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला के अनुसार कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय थी कि वित्तीय पैकेज की मांग को लेकर वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से पत्र लिखेंगे।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, ‘‘जब तक व्यापक प्रोत्साहन पैकेज नहीं दिया जाता तब तक राज्य और देश कैसे चलेगा? हमें 10 हजार करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हुआ है। राज्यों ने प्रधानमंत्री से पैकेज के लिए लगातार आग्रह किया है, लेकिन हमें अब तक भारत सरकार से कुछ नहीं पता चला।’’

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे राज्यों को तत्काल सहायता की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘छत्तीसगढ़ एक ऐसा राज्य है जहां 80 फीसदी छोटे उद्योग फिर से आरंभ हो गए हैं और 85,000 कामगार काम पर लौट चुके हैं।’’ पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने आरोप लगाया कि दिल्ली में बैठे लोग जमीनी हकीकत जाने बिना कोविड-19 के जोन का वर्गीकरण कर रहे हैं, जो चिंताजनक बात है।

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी ने भी कहा, ‘‘भारत सरकार राज्यों के साथ विचार-विमर्श किए बिना जोन का निर्धारण कर रही है और इससे अव्यवस्था की स्थिति पैदा हो रही है। किसी मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श क्यों नहीं किया गया?’’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्यों के लिए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज के बारे में एक शब्द नहीं बोले हैं।

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