BIG NewsINDIATrending News

‘परमवीर चक्र सीरियल’ से लेकर ‘परमवीर चक्र’ पाने तक, कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई से जानिए पूरी शौर्यगाथा

कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई से जानिए पूरी शौर्यगाथा 
Image Source : FILE PHOTO

नई दिल्ली: दुनिया के नक्शे पर सबसे कठिन हालात में सबसे भयंकर युद्ध 1999 में कारगिल में लड़ा गया।  एक दो नहीं, एक साथ कई पहाड़ों की चोटियों से अचानक भारतीय सैनिकों को चुन-चुन कर निशाना बनाया जा रहा था। भारतीय सेना की कई रेजिमेंट सिर पर कफन बांधकर चोटियों पर फतेह के लिए निकल पड़ी और देश के योद्धाओं ने भारतभूमि की रक्षा और सुरक्षा की सबसे बड़ी अग्निपरीक्षा से गुजरते हुए दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए और एकबार फिर पहाड़ की ऊंची चोटियों पर तिरंगा लहरा दिया। आज उसी कारगिल विजय दिवस की 21वीं वर्षगांठ है। इस युद्ध में शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई विशाल बत्रा ने उनकी पूरी शौर्य गाथा बयां की। उन्होंने बताया कि कैसे बचपन में परमवीर चक्र सीरियल से प्रेरणा पाकर वे सेना में भर्ती हुए और युद्ध में देश के काम आए। 

कैप्टन विक्रम बत्रा के भाई विशाल बत्रा ने बताया कि वे और बिक्रम दोनों जुड़वा भाई थे और दोनों के जन्म के बीच सिर्फ 14 मिनट  का अंतर था। उन्होंने बताया कि टीवी सीरियल परमवीर चक्र को देखकर आर्मी में जाने की प्रेरणा मिली और अंतत: बिक्रम ने डिफेंस सर्विसेज की पढ़ाई चंडीगढ़ में की और 6 दिसंबर 1997 को लेफ्टिनेंट के तौर पर आर्मी में ज्वाइन किया।

विशाल बत्रा ने बताया कि शहीद विक्रम बत्रा को मिशन पॉइंट 5140 का आदेश मिला जहां उन्होंने पाकिस्तानी बंकरो को तबाह कर भारत का झंडा लहराया और अपने कमांड पोस्ट को अपना सिग्नल दिया ‘ये दिल मांगे मोर’। इसके बाद कैप्टन विक्रम बत्रा को 5 जुलाई को दूसरा मिशन पॉइंट 4875 मिला। यहीं पर पाकिस्तानियों से लोहा लेते समय बिक्रम बत्रा शहीद हो गए। 

 कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई से जानिए पूरी शौर्यगाथा

 कैप्टन विक्रम बत्रा के जुड़वा भाई से जानिए पूरी शौर्यगाथा 

शहीद बिक्रम बत्रा के भाई ने बताया, ‘9 मार्च 1999 को मेरी उनसे आखिरी मुलाकात हुई थी जब यह बेलगांव से 30 दिन का कमांडो कोर्स पूरा करके लौटे थे।’ 

बिक्रम बत्रा को याद करते हुए विशाल ने बताया कि जब शहीद विक्रम बत्रा को कारगिल के लिए कॉल आई तो उनके एक दोस्त ने उनसे कहा कि अपना ध्यान रखना। इस पर शहीद विक्रम बत्रा ने कहा था कि या तो तिरंगे में लिपट कर आऊंगा या तिरंगा लहरा कर आऊंगा,लेकिन आऊंगा जरूर।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page