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कांकेर कलेक्टर की पहल से ग्रामीणों की आस हुई पूरी, अति संवेदनशील नक्सल प्रभावित इलाके में ग्रामीणों ने की पुल की मांग, केवल 5 माह में बनकर तैयार

कांकेर। अपने कुशल कार्यशैली और संवेदनशीलता के लिए प्रख्यात कांकेर कलेक्टर के.एल. चौहान ने जनता के प्रति अपने कर्तव्य की एक और मिसाल प्रस्तुत की है। नवीन पंचायत ग्राम में भ्रमण के दौरान ग्रामीणों ने उनसे मुलाकात की और वहां एक पुल निर्माण कराने की बात कही। कलेक्टर ने उन्हें आश्वासन दिया और केवल 5 माह के भीतर ही वह पुल बनकर तैयार हो गया है। ग्रामीणों से किये अपने वादे के प्रति उनकी प्रतिबद्धता सच में एक मिसाल है। कोरोना संक्रमण के बीच भी कार्य को समय सीमा के भीतर पूरा करने की उनकी इस प्रतिबद्धता को आज हर कोई सराह रहा है।

नक्सली इलाका होने की वजह से यह निर्माण कार्य कराना लगभग असंभव था लेकिन ग्रामीणों की वह आस भरी निगाहों को देखते हुए कलेक्टर के.एल.चौहान के हौसले को और बल दिया। उन्होंने मानों प्रण किया था कि ग्रामीणों के लिए वह पुल का निर्माण करके ही रहेंगे। उनके इसी हौसले और अपने कार्य के प्रति समर्पण ने उनमें एक नई उर्जा का संचार किया। केवल पांच माह में उन्होंने ग्रामीणों की आशाओं का पुल तैयार करके दिखाया जो सराहनीय है। बहुत ही कम लोग होते हैं जो दूसरों के लिए अपना जीवन जीते हैं। कलेक्टर के.एल.चौहान भी उन्हीं लोगों में से एक हैं जो अपने कर्तव्य और जनता की आकाँक्षाओं को पूरा करने के लिए दिन-रात जमीन से जुड़कर कार्य करते हैं। अपने दायित्वों के प्रति उनका यह संकल्प ही उनके व्यक्तित्व को और निखारती है।

जानकारी के अनुसार 5 मार्च 2020 को कलेक्टर के.एल. चौहान ने कांकेर एवं अंतागढ़ तहसील के ग्राम आमाबेड़ा को जोड़ने वाली मार्ग का निरीक्षण किया एवं स्वीकृत कार्य को समय-सीमा में पूरा कराने के लिए संबंधित कार्यपालन अभियंता को निर्देशित किया था । निरीक्षण के दौरान कांकेर के एसडीएम उमाशंकर बंदे, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के कार्यपालन अभियंता उल्लास कोपूलवार, कृषि विभाग के उप संचालक एन.के. नागेश भी उनके साथ थे। कलेक्टर चौहान ने इच्छापुर से आमाझोला होते हुए आतुरगांव के बड़ेपारा तक निर्माणाधीन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क का गुरूवार को निरीक्षण करने के बाद मलांजकुडुम से टिमनार तक बनने वाले प्रधानमंत्री ग्राम सड़क का अधिकारियो के साथ सघन निरीक्षण किया था।

कार्यपालन अभियंता कोपूलवार ने बताया था कि मलांजकुडुम से टिमनार तक सड़क की लंबाई 21 किलोमीटर है, जिसमें से 14.05 किलोमीटर तक सड़क निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई है। कलेक्टर चौहान ने गुंमझीर के पास पुसाघाटी से कोयापारा तक दो किलोमीटर निर्माणाधीन प्रधानमंत्री ग्राम सड़क को खुदवा कर गुणवत्ता की जांच भी किया था, सड़क निर्माण कार्य के अवलोकन पश्चात कलेक्टर चौहान ने एटेगांव के प्राथमिक स्कूल का भी आकस्मिक निरीक्षण किया तथा ग्रामीणों से बातचीत की थी।

वही जब कलेक्टर चौहान आमाबेड़ा से कांकेर के लिए निकल रहे थे तब रास्ते पर ग्रामीणो को देख गाड़ी से उतर गए और ग्राम आमाबेड़ा में कलेक्टर को देखकर ग्राम मातला ’’अ’’ के ग्रामीण तत्काल उनके पास पहुंच गये तथा अपने गांव में पुलिया निर्माण की मांग कि थी, जिस पर कलेक्टर द्वारा सहमति प्रदान करते हुए पुलिया निर्माण के लिए प्राक्कलन प्रस्तुत करने के लिए नायब तहसीलदार नरेश यदु को निर्देशित किया था। निर्देश देने के बाद स्वयं कलेक्टर के.एल. चौहान ने इसमें विशेष रूप से जानकारी लेते हुए समय सीमा के भीतर कार्य को पूरा करने के लिए लगातार निर्माण कार्य की गुणवत्ता और कार्य की स्थिति के बारे में समय-समय पर जानकारी लेते रहते थे। उनकी इसी तत्परता से केवल पांच माह के भीतर ही सोडे से केसुरबेडा मार्ग पर पुलिया निर्माण हो चुका है और केवल साइड फिलिंग का कार्य बाकी है और यह कार्य भी जल्द पूरा हो जाएगा पुल बनने से ग्रामीण काफी खुश है ।

पुलिया निर्माण होने से ग्रामीणों में बहुत ही हर्ष है और वह इसके लिए कलेक्टर कल.एल. चौहान को धन्यवाद देते नहीं थक रहे हैं। ग्रामीणों को आवागमन की सुचारू व्यवस्था उपलब्ध हो सके इसके लिए उनकी यह संवेदनशीलता सराहनीय है। प्रशासनिक अधिकारी होने के साथ ही के.एल. चौहान जी एक संवेदनशील व्यक्ति भी हैं। कांकेर जिले में उनके द्वारा कई सराहनीय कार्य किये गए हैं। उनके निर्देश व मार्गदर्शन में क्षेत्र में विकास कार्यों की गति अत्यंत ही तेज गति से चल रही है। उनके कांकेर आगमन के बाद से ही यहाँ की दशा व दिशा दोनों बदल गई है। कोरोना संक्रमण के दौरान भी उनके द्वारा किये गए कार्यों से हजारों लोगों की जान सुरक्षित रही और जिस प्रकार से उन्होंने व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से स्थापित किया वह अन्य जिलों के लिए एक उदाहरण बनकर उभरा। यदि हर प्रशासनिक अधिकारी कलेक्टर के.एल. चौहान की तरह पूरी जिम्मेदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ इसी प्रकार अपने दायित्वों का निर्वहन करते रहें तो हमारा प्रदेश पुरे देश ही नहीं अपितु विश्व के लिए एक उदाहरण का पर्याय बनकर उभरेगा।

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