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आत्मनिर्भर भारत पैकेज 4 में एविएशन के लिए सुधारों को ऐलान, सेक्टर को सालाना 1000 करोड़ का फायदा

Reform for aviation sector
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नई दिल्ली। कोरोना संकट की वजह से जमीन पर आए सिविल एविएशन सेक्टर के लिए आज कई सुधारों का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज के चौथे हिस्से में इन सुधारों का ऐलान किया है। ये ऐलान तीन भागों में है, पहले में हवाई क्षेत्र के बेहतर प्रबंधन की बात कही गई है वहीं दूसरे हिस्से में एयरपोर्ट की संख्या बढ़ाने और उन्हे बेहतर बनाने के लिए ऐलान किए गए हैं। वहीं तीसरे भाग में देश को हवाई जहाजों के मेंटीनेंस रिपेयर और ओवरहॉलिंग का केंद बनाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का जिक्र है।

वित्त मंत्री के मुताबिक देश के कुल हवाई क्षेत्र का 60 फीसदी हिस्सा ही सिविल एविएशन सेक्टर के लिए खुला है। उन्होने ऐलान किया कि भारतीय हवाई क्षेत्र को लेकर नियमों में ढील दी जाएगी जिससे उड़ानों का संचालन और बेहतर तरीके से हो। इन सुधारों से एयरलाइंस को सालाना 1000 करोड़ रुपये का फायदा मिलने का अनुमान है। वित्त मंत्री के मुताबिक हवाई क्षेत्र में ढील से पूरे क्षेत्र का बेहतर इस्तेमाल किया जाएगा और एयरलाइंस के समय और ईंधन के खर्च में कमी लाई जा सकेगी

वहीं सरकार की योजना है कि देश में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप की मदद से बनने और ऑपरेट होने वाले हवाई अड्डों की संख्या बढ़ाई जाए। वित्त मंत्री के मुताबिक इस योजना के तहत पहले राउंड में 6 एयरपोर्ट को तैयार किया जा रहा है जिसमें से 3 के लिए बिड दी जा चुकी है। वहीं दूसरे राउंड के लिए 6 और एयरपोर्ट की पहचान की जा चुकी है। वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि पीपीपी मॉडल के तहत एयरपोर्ट बनाने की योजना के तहत तीसरे राउंड में भी 6 एयरपोर्ट का निर्माण होगा। यानि निजी कंपनियों की मदद से 12 नए एयरपोर्ट को तैयार करने की योजना है। वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि पहले राउंड के 6 एयरपोर्ट से सालाना 1000 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा। वहीं एयरपोर्ट अथॉरिटी को 2300 करोड़ रुपये का डाउन पेमेंट भी मिलेगी।

वहीं वित्त मंत्री ने देश की एमआरओ (Maintenance, repair overhaul) सेक्टर के लिए टैक्स दरों में बदलाव करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही रक्षा उद्योग और सिविल एविएशन एमआरओ सेक्टर के बीच तालमेल बढ़ाया जाएगा जिससे कारोबार में तेजी दर्ज हो। वित्त मंत्री के मुताबिक पिछले 3 सालों में एयरक्रॉफ्ट के हिस्सों का रिपेयर और मेंटीनेंस उद्योग 800 करोड़ रुपये से बढ़कर 2000 करोड़ रुपये हो गया है।

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