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अधीर रंजन चौधरी ने चीन को बताया ‘जहरीला सांप’, बाद में ट्वीट किया डिलीट

Indian forces know how to defang the venomous snakes like you: Adhir Chowdhury warning to China
Image Source : PTI

नई दिल्ली: पिछले हफ्ते लद्दाख और सिक्किम में भारतीय सैनिकों के साथ चीनी सैनिकों के उलझने की खबरों के बाद कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने चीन को ‘जहरीला सांप’ बताते हुए कड़ी चेतावनी दे डाली। कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारतीय सेना जहर उतारने में माहिर है। चौधरी ने भारत सरकार को ताइवान के मुद्दे पर अब और विलंब नहीं करते हुए उसे संप्रभु देश की मान्यता देने का सुझाव दिया। गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने पर इसे अंतरराष्ट्रीय विषय बताकर अपनी और कांग्रेस पार्टी की खूब किरकरी करवा चुके हैं।

उन्होंने ट्वीट किया, “सावधान हो जाओ चीन, भारतीय बलों को पता है कि तुम जैसे जहरीले सांपों का फन कैसे कुचला जाता है। पूरी दुनिया की नजर तुम्हारी विस्तारवाद की कुटिल चाल पर है।” उन्होंने भारत सरकार को सलाह दी और कहा, “मैं सरकार को अब बिना समय गंवाए ताइवान से राजनयिक संबंध स्थापित करने का सुझाव देता हूं।” बाद में उन्होंने इस ट्वीट को डिलीट कर दिया।

Indian forces know how to defang the venomous snakes like you: Adhir Chowdhury warning to China

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उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब भारत में मौजूद चीनी दूतावास ने ताइवान को लेकर ‘वन चाइना’ राग अलापा है और भारतीय मीडिया पर गंभीर आरोप लगाए हैं। दूतावास की प्रवक्ता जी रॉन्ग ने कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन की गतिविधि में ताइवान क्षेत्र की भागीदारी पर चीनी रुख पहले की तरह कायम है। यह ‘वन चाइना’ नीति के तहत होनी चाहिए।”

बता दें कि पिछले हफ्ते भारत और चीन के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख और दोनों देशों के बीच सीमा से लगे सिक्किम सेक्टर में नाकू ला दर्रे के पास दो तीखी झड़पें हुईं। इन झड़पों में दोनों ओर के कई सैनिक घायल हो गए। पहली घटना पांच मई देर शाम पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर हुई जिसमें भारतीय जवानों और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई। दोनों पक्षों के बीच गतिरोध अगली सुबह बातचीत के बाद समाप्त हुआ। 

सूत्रों ने बताया कि इसमें दोनों ओर से कई सैनिकों को मामूली चोटें आयीं क्योंकि उनके बीच घूंसे चले और उन्होंने एकदूसरे पर पथराव भी किया। सूत्रों ने बताया कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प की इस घटना में करीब 200 कर्मी शामिल थे। झड़प के बाद दोनों ओर से अतिरिक्त सैनिक तैनात किए गए। दोनों देशों के सैनिकों के बीच इस तरह की घटना पैंगोंग झील के पास अगस्त 2017 में हुई थी। 

एक अन्य घटना में करीब 150 भारतीय सैनिक और चीनी सैन्य कर्मियों के बीच चीन-भारत सीमा के सिक्किम सेक्टर के नाकू ला दर्रे के पास झड़प हुई। इस झड़प में कम से कम 10 सैनिकों को चोटें आयीं। सूत्रों ने बताया कि सैनिकों के बीच झड़प हुई और उनके बीच घूंसे भी चले। सेना के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सीमा की निगरानी करने वाले सैनिकों के बीच अस्थायी और अल्प अवधि के गतिरोध की घटनाएं होती हैं क्योंकि सीमाओं का समाधान नहीं हुआ है। दोनों पक्षों द्वारा आक्रामक व्यवहार से सैनिकों को मामूली चोटें आईं।’’

भारत और चीन के सैनिकों के बीच 2017 में डोकलाम ट्राई जंक्शन के पास 73 दिन तक गतिरोध कायम रहा था। उस घटना से परमाणु सम्पन्न दोनों देशों के बीच युद्ध की आशंकाएं भी उत्पन्न हो गई थीं। भारत-चीन सीमा विवाद 3,488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) को लेकर है। चीन का दावा है कि अरुणाचल प्रदेश दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा है जबकि भारत इसका खंडन करता आया है।

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