योग प्राचीन भारत का विज्ञान है, दर्शन भी है- संतोष साहू

योग प्राचीन भारत का विज्ञान है, दर्शन भी है- संतोष साहू
पंडरिया – 9 वी अंतराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन ग्राम सोमनापुर नया के हाई स्कूल प्रांगण में आयोजन किया गया। योग दिवस एक वैश्विक कार्यक्रम है। यह दिन आत्म प्रतिबिंब, ध्यान और एक अच्छी यात्रा की शुरूवात करता है।वसुधैव कुटुमबकम के लिए योग, उम्र, लिंग, वर्ग व क्षेत्र आदि के किसी भी प्रतिबिंब के बिना एक और सभी की भागीदारी पर केंद्रित होगी। इसमें हर उम्र के लोग शामिल हो सकते है।
प्रधान पाठक पलटन राम पटेल ने योगा मे ताड़ासन , सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, अनुलोम विलोम, योगाभ्यास कराया गया। योगा कार्यक्रम में शिक्षक शिक्षिकाओं, छात्र छात्राएं एवम गणमान्य नागरिकों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर प्राचार्य संतोष कुमार साहू ने बताया कि योग प्राचीन भारत का विज्ञान है, दर्शन भी है । योग प्राचीन भारत से उत्पन्न केवल एक शारीरिक व्यायम नही है, बल्कि एक समग्र अभ्यास है जो मन शरीर और आत्मा को शामिल करता है। यह आत्म विश्वास ,खोज आंतरिक शान्ति और व्यक्तिगत विकास का कार्य प्रदान करता है। शिक्षक योगेश कुमार गुरु दीवान ने कहा कि जो मन की वृतियों पर नियंत्रण करती है वही योग है।
योग कला की उत्पत्ति भारत में हुई थी। योग शरीर तथा मन के संबंधों में संतुलन बनाने में हमारी सहायता करता है। योगा कार्यक्रम में प्राचार्य संतोष कुमार साहू, व्याख्याता योगेश कुमार गुरु दीवान,प्रधानपाठक पलटन राम पटेल , कार्तिक राम खूंटे अनीश कुमार, सुभाष , रिंकी पनागर, चांदनी, गंगाराम पटेल गणमान्य नागरिक एवम समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित थे।