ChhattisgarhRajnandgaon

सुकवा साहित्यिक चौरा बैताल रानी घाटी में काव्य पाठ समीक्षा बैठक में बंसत पंचमी सरस्वती माता के तैलचित्र पर पूजा अर्चना एवं लता दीदी स्वर कोकिला को भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते कवियों ने काव्य पाठ आयोजन किया

सुकवा साहित्यिक चौरा बैताल रानी घाटी में काव्य पाठ समीक्षा बैठक में बंसत पंचमी सरस्वती माता के तैलचित्र पर पूजा अर्चना एवं लता दीदी स्वर कोकिला को भाव भीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते कवियों ने काव्य पाठ आयोजन किया

गंडई/ छुईखदान :-सुकवा साहित्यिक चौरा मंच के तत्वाधान में बंसत पंचमी सरस्वती माता के तैलचित्र पर मंच के सदस्य पूजा आरती कर मां सरस्वती वंदना विनय गीत गाये ।
माता सरस्वती जयन्ती बंसत पंचमी पर्व पर छुईखदान ब्लाक के विभिन्न ग्रामों से आये कवि साथियों ने काब्य पाठ का खूब आंनद उठाये ।गुनीराम वर्मा जी छुईखदान आमगांव से शीर्षक ,बादलों से घिरे चित्र जो कभी ने सबकी मन मोंह लिया गुनीराम जी जाने माने कवि है राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके है ।पितंबर राजपुत जी भी राज नेताओं के उपर ब्यंग बाण छोड़ते नेताओं को चुनाव के दौरान जनता को बहलाने फुसलाने रिशता नाते याद आने पर खूब चोट किया ,उनका शीर्षक था आगे दिन निर्वाचन के खूब वाहवाही लुटी ।
चन्द्रभूषण यदु जी भी अपने चुटकले अंदाज में बंसत पंचमी सरस्वती अवतार पर विनय गीत प्रस्तुत किया साथ ही लता दीदी को श्रद्धांजलि अर्पित करते स्वर कोकिला लता दीदी का निधन से एक युग का अंत गायिकी की सुर साम्राज्ञी दीदी को अलविदा श्रद्धांजलि अनंत कहते उनके 13 साल की उम्र का बखान करते देश दुनिया जिसकी कला संगीत प्रेमी का गुनगान का महत्व का उल्लेख करते नम आंखों से लता दीदी को अलविदा कहकर श्रद्धांजलि दिये है ।

चन्द्रप्रकाश पटेल जी साहित्य सृजन के संचालक अपने लेख में गरब झन करों का शीर्षक प्रस्तुत किये जो वास्तव में मनुष्यता का वाजिब हकदार की ओर इशारा करते एक दुसरे के सहयोग में बाध कर रखने क लाइलाज कविता के माध्यम से अहं रुपी कालिया नांग से बचने का उपाय बता डाले ।धनीराम जी डड़सेना सुकवा साहित्यिक चौरा मंच के लोगों को इस महान कार्य के लिये बधाई रचना पेश किये है ।धर्मेन्द्र जंघेल सरस्वती वंदना पश्चात श्रृगार रस गजल की शानदार पंक्ति पढ़ी ।रवि यादव जी भी हास्य कलाकार ब्यंगात्मक हंस मुखी चित्रकारी विभुति ने नाऊ मन के मरना होगे नामक कविता से हसा हसा कर लोटपोट कर दिया योगेंन्द्र वर्मा ने भी उमड़ घुमड़ के बादर पानी कविता सुनाया ।बंसत पंचमी के पर्व पर सुकवा साहित्यिक चौरा मंच का आयोजन गिरे थके कुचले दबे कवि लेखक के जिज्ञासा को आगे बढाने का प्रयास कर रही है जो एक सराहनीय पहल जो एक मजबूती से मंच पाये ।अपने परिवार ग्राम समाज देश परदेश में नाम कमाये ।
यह शुरुआत करने का नायब तरीका है जो बहुत जल्द कामयाबी की शिखर पर होगी यह कार्यक्रम में उपस्थित सभी सदस्यों ने 92 बंसत पंचमी सरस्वती माता की देख चुकी साक्षात सरस्वती की अवतार लता दीदी हम सबको छोड़ ओझल हो गई है ।उनकी याद युगों युगों तक अजर और अमर रहेगी ।जो कवि प्रेमियों को कुरेदती रहेगी जब जब गीत सुने लता दीदी का आंसुओं को रोक नहीं पायेगे ।दीदी ने एक छत्तीसगढ़ी की याद आ रही है छूट जाही महल अटारी छुट जाही दुनिया दारी छुट जाही दाई घर महतारी जैसे सभी भाषा में अनेकोंनेक गीत गाई दीदी को सभी कवि साथियों ने खुब याद करते सभा की समापन किया गया ।मंच का सफल संचालन चन्द्रप्रकाश पटेल ने बखुबी निभाया ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page