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पंडरिया – जनपद पंचायत पंडरिया के क्षेत्र क्रमांक 5 की महिला जनपद सदस्य श्रीमती दीपा धुर्वे ने जनपद कार्यालय कर्मी द्वारा अपने साथ किए गए दुर्ब्यवहार की शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की है !

महिला जनपद सदस्य से दुर्व्यवहार
सामान्य सभा की बैठक में कार्यवाही की मांग-

पंडरिया – जनपद पंचायत पंडरिया के क्षेत्र क्रमांक 5 की महिला जनपद सदस्य श्रीमती दीपा धुर्वे ने जनपद कार्यालय कर्मी द्वारा अपने साथ किए गए दुर्ब्यवहार की शिकायत करते हुए कार्यवाही की मांग की है !
श्रीमती धुर्वे ने पंडरिया जनपद पंचायत की मुख्यकार्यपालन अधिकारी एवं प्रदेश के कैबिनेट मंत्री मो.अकबर को अपने साथ हुए दुर्व्यवहार की शिकायत में बताया है कि उनके जनपद क्षेत्र के कुछ हितग्राहियों को अपने मृतक परिजनों के मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए जनपद कार्यालय पंडरिया में पदस्थ बी एल आई आशीष बाँधकर द्वारा पैसे की मांग किए जाने की शिकायत मिली थी ! इसी सम्बन्ध में दिनांक 22 फरवरी को जब वे कार्यालय में बी एल आई आशीष बाँधकर से बात करने गई
थी तो उक्त कर्मचारी ने पहले तो मुझे बेवजह आधा घण्टे तक रोक कर रखा और जब मैंने उनसे जानकारी चाही तो
अशिष्ट भाषा करते हुए मेरे साथ दुर्व्यवहार किया जिससे मैं काफी आहत हुई और अपमानित भी महसूस कर रही हूँ !
श्रीमती धुर्वे का आरोप है कि मेरे साथ हुई बदतमीजी में आशीष बांधकर के साथ जनपद कार्यालय की कम्यूटर आपरेटर श्रीमती सरिता साहू भी सहभागी थी !अतः उक्त दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिए !
सामान्य सभा की बैठक में कार्यवाही की मांग :-
इस सम्बंध में दिनांक 27 फरवरी को बुलाई गई जनपद पंचायत पंडरिया की सामान्य सभा में भी सदस्यों ने आदिवासी महिला सदस्य के साथ हुए दुर्ब्यवहार की निंदा करते हुए दोषी कर्मियों पर कार्यवाही की मांग की है ताकि आगे किसी भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह का दुर्व्यवहार न हो सके !जनपद पंचायत द्वारा उक्त प्रस्ताव पारित कर अनुविभागीय अधिकारी पंडरिया के अलावा जिला कलेक्टर तथा जिला पँचायत के सी ई ओ से कार्यवाही की मांग की गई है !
यहाँ सवाल उठना स्वाभाविक है कि जब एक निर्वाचित और महिला जनप्रतिनिधि के द्वारा जनहित में सवाल करने पर उनके साथ बदतमीजी हो सकती है तो किसी आम आदमी और खासकर ग्रामीण अथवा वनांचल वासियों के साथ सरकारी अमले का सलूक कैसा रहता होगा ? दरअसल अंचल के लोगों ने पिछले कुछ महीनों में ऐसा महसूस किया है कि सरकारी अमला जैसे निरंकुश और अपने कर्तब्यों के प्रति लापरवाह हो गया है !
उन्हें न तो जनप्रतिनिधियों की परवाह है और न उच्चाधिकारियों का डर !
बहरहाल !एक महिला जनपद सदस्य की शिकायत पर प्रशासन क्या कार्यवाही करता है यह देखना होगा !

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