
उन्होंने कहा कि पिछली बार हमारे पास लड़ाई लड़ने के लिए संसाधनों का अभाव था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है। बिहार में कम से कम ऐसी स्थिति नहीं है कि यहां लॉकडाउन की फिलहाल जरूरत पड़े। हां, जिन जगहों पर मरीज मिल रहे हैं उन जगहों को बेहतर तरीके से सील करके उसका माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने पर काम हो रहा है।