WHO ने COVID-19 उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के परीक्षण पर लगाई अस्थायी रोक, सुरक्षा की होगी जांच


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नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सुरक्षा मुद्दों को लेकर कोविड-19 उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के परीक्षण पर अस्थायी रोक लगा दी है। डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डा. टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने कहा कि डब्ल्यूएचओ के कार्यकारी समूह ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के कोविड-19 रोगियों के ऊपर सॉलिडैरिटी परीक्षण पर अस्थायी रोक लगाने का फैसला किया है और डाटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड द्वारा इसके आंकड़ों की समीक्षा की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खुद कोविड-19 के उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग की वकालत कर रहे हैं। उन्होंने यहां तक कहा है कि वह कोरोना वायरस से बचने के लिए खुद भी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का इस्तेमाल कर रहे हैं।
“The Executive Group has implemented a temporary pause of the hydroxychloroquine arm within the Solidarity Trial while the data is reviewed by the Data Safety Monitoring Board”-@DrTedros #COVID19
— World Health Organization (WHO) (@WHO) May 25, 2020
लार्ज ऑब्जरवेशनल स्टडी के मुताबिक, कोविड-19 के लिए मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के साथ उपचार, एंटीबायोटिक एजीथ्रोमाइसिन के साथ या बगैर, से कोविड-19 मरीजों को कोई फायदा नहीं होता है।
द लैनसेट में प्रकाशित हालिया रिसर्च रिपोर्ट में कोविड-19 के 15,000 मरीजों के आंकड़ों का विश्लेषण किया गया, इन मरीजों को क्लोरोक्वीन या इसके एनालोग हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा दी गई थी।
इस रिपोर्ट के लेखकों का दावा है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का सेवन, अकेले या मैक्रोलाइड के साथ, करने वाले कोविड-19 मरीजों में मृत्युदर बहुत अधिक है।