सीटी बजी मतलब समझ लीजिए, मच्छरदानी लगाना है…


सीटी बजी मतलब समझ लीजिए, मच्छरदानी लगाना है…
० रोचक पहलः मलेरिया-डेंगू की रोकथाम के प्रयास में हर शाम 7 बजे सीटी बजाती हैं मितानिन
० नदी-नालों को पार कर गांव पहुंचता है स्वास्थ्य विभाग का अमला
राजनांदगांव। जिले के गांवों में सीटी की आवाज इन दिनों ग्रामीणों को खूब प्रभावित कर रही है। यह सीटी बजाने वाले कोई और नहीं बल्कि सेवाभावी वह मितानिन ही हैं, जिन्हें मलेरिया-डेंगू से बचाव हेतु जिला प्रशासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे अभियान में जनजागरुकता की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कलेक्टर तारण प्रकाश सिन्हा के निर्देश पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मिथिलेश चौधरी के मार्गदर्शन में राजनांदगांव जिले के विकासखंड व ग्राम स्तर पर मलेरिया एवं डेंगू उन्मूलन हेतु विभिन्न प्रयास किए जा रहे हैं। इसमें कई रोचक गतिविधियां भी की जा रही हैं। जिले के सीमावर्ती गांवों में मलेरिया-डेंगू की सघन जांच के साथ ही मच्छरदानी वितरण किया जा रहा है और मच्छरदानी का अनिवार्य उपयोग कराने के लिए ही मितानिन सीटी बजाकर लोगों को जागरुक कर रही हैं। जिला मलेरिया सलाहकार संगीता पांडेय ने बताया, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान के अंतर्गत सर्वे दल के द्वारा 2 मलेरिया वार्षिक परजीवी सूचकांक (एपीआई) से अधिक के 6 विकासखंडों-मानपुर, मोहला, खैरागढ़, छुईखदान, छुरिया तथा डोंगरगढ के 199 संवेदनशील गांव और महाराष्ट्र एवं मध्यप्रदेश के सीमा क्षेत्र के सभी गांव, सीआरपीएफ, आईटीबीपी कैम्प, पुलिस चौकी एवं अन्य स्थानों पर मलेरिया सघन सर्वे किया गया है। जिले के चिन्हित विकासखंडों के अति संवेदनशील 151 ग्रामों में डीडीटी पावडर का छिड़काव दो चक्रों में किया जा रहा है। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम पूरी संजीदगी के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए नदी-नालों को पैदल पार कर संवेदनशील गांवों तक पहुंच रही है, ताकि लोगों को मलेरिया-डेंगू के प्रकोप से बचाया जा सके। उन्होंने बताया, मलेरिया, डेंगू एवं अन्य कीटनाशक बीमारियों से बचाव हेतु मच्छरदानी का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2021 में 96,958 मच्छरदानी का वितरण 1 एपीआई से अधिक के ग्रामों में किया जा चुका है। मितानिन इन गांवों में प्रतिदिन संध्या 7 बजे सीटी बजाकर आमजन को मच्छरदानी के पूर्ण उपयोग के लिए प्रेरित करती हैं।