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उपेक्षा का शिकार चिलगुड़ा-शक्तिघाट बिरनपुर रोड 0 दो अलग – अलग जिले बना रोड़ा।

उपेक्षा का शिकार चिलगुड़ा-शक्तिघाट बिरनपुर रोड 0 दो अलग – अलग जिले बना रोड़ा

गंडई. ग्राम पंचायत चिलगुड़ा से ग्राम पंचायत शक्तिघाट जाने वाली रोड़ जर्जर होने के कारण राहगीरों को आवागमन में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यह सड़क दो अलग अलग जिले की सीमा में होने के कारण अपनी पहचान खोने की कगार पर है व विकास से कोसो दूर है। ग्रामीणों ने इस मार्ग को मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना से जोड़ने के लिये कई दफा मंत्रियों, नेताओं और अधिकारियों को अवगत करा चुके हैं पर आज पर्यन्त उनकी मांगे ठन्डे बस्ते में डाल दी जा रही है। जिससे ग्रामवासी व राहगीरों को किचड़ युक्त और बड़े बड़े गढ्ढों वाली सड़क से हिचकोले खाते हुये सफर करना पड़ रहा है। ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत चिलगुड़ा खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले और बिरनपुर (शक्तिघाट) बेमेतरा जिले का अंतिम छोर में बसा हुआ है। जिसके चलते सड़क का निर्माण नही हो पा रहा है। दो अलग अलग जिले की अंतिम छोर में बसे होने के कारण नेता और सम्बंधित अधिकारी इस कार्य को कराने में अपना पल्ला झाड़ने में लगे हुये हैं। इस गांव के आस पास करीबन 15 गांव है जिनकी आबादी करीब 50 हजार से ऊपर है। यह रोड़ मुख्य मार्ग होने के कारण निरन्तर लोगों का आवाजाना बना रहता है। ऐसा नही है इनकी जानकारी सम्बंधित विभाग और नेताओं को नही है। इसके बावजूद यह मार्ग उपेक्षा का दंश झेल रहा है और अपनी विकास का मुँह जोह रहा हैं। किसानों को अपनी कृषि कार्य करने में काफी अडचनें आ रही है। इस मार्ग से किसानों को अपनी खेती कार्य के लिये आना जाना रहता है लेकिन यह क्षेत्र एक कृषि प्रधान क्षेत्र है मगर अपनी मुलभुत सुविधाओं के अभाव में पिछड़ा हुआ नजर आने लगा है। जिसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है। यह मार्ग महज 3 किलोमीटर पड़ता है

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