राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु सर्वविभागीय बैठक आयोजित


AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो चीफ केसीजी
राज्यपाल गोद ग्राम सोनपुरी को पूर्ण साक्षर बनाने का लक्ष्य, प्रत्येक विकासखण्ड में स्थापित होंगे आदर्श उल्लास केन्द्र

खैरागढ़, 29 जुलाई 2025//
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत 15 वर्ष से अधिक उम्र के असाक्षरों को साक्षर बनाने हेतु संचालित उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को लेकर आज कलेक्टर एवं जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण के अध्यक्ष इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के मार्गदर्शन में सर्वविभागीय बैठक आयोजित की गई। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रेमकुमार पटेल, जिला शिक्षा अधिकारी लालजी द्विवेदी सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, सहायक विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी, बीआरसी समन्वयक उपस्थित रहे।
बैठक में कलेक्टर श्री चन्द्रवाल ने निर्देशित किया कि जिले में असाक्षर व्यक्तियों की पहचान हेतु डोर-टू-डोर सर्वे कराया जाए तथा उल्लास एप में असाक्षरों एवं स्वयंसेवी शिक्षकों की जानकारी दर्ज की जाए। उन्होंने सभी विकासखण्डों में दो-दो आदर्श उल्लास केन्द्र स्थापित करने एवं कक्षा संचालन व मॉनिटरिंग हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए।
बोर्ड परीक्षार्थियों को मिलेगा अतिरिक्त लाभ
कलेक्टर ने कक्षा 10वीं एवं 12वीं के अध्ययनरत विद्यार्थियों को स्वयंसेवी शिक्षक के रूप में पंजीकृत करने हेतु प्रेरित करने कहा, जिससे वे आगामी बोर्ड परीक्षा में 10 बोनस अंक प्राप्त कर सकें। उन्होंने इस पहल का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया।
राज्यपाल गोद ग्राम सोनपुरी को पूर्ण साक्षर बनाने की पहल
बैठक में राज्यपाल महोदय के गोद ग्राम सोनपुरी को पूर्ण साक्षर ग्राम बनाने हेतु निर्देशित किया गया। साथ ही नक्सल पीड़ित एवं आत्मसमर्पित नक्सली परिवारों के सदस्यों का विशेष सर्वे कर असाक्षरों को कार्यक्रम से जोड़ने, तथा विद्यालयों के संसाधनों का उपयोग कर नवसाक्षरों को डिजिटल रूप से अध्यापन कराने के निर्देश दिए गए।
बैठक में कलेक्टर द्वारा सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को उल्लास साक्षरता शपथ भी दिलाई गई। बैठक का संचालन जिला साक्षरता नोडल अधिकारी नेहरूलाल वर्मा ने किया। यह कार्यक्रम सितम्बर 2025 एवं मार्च 2026 में आयोजित परीक्षाओं के माध्यम से असाक्षरों को साक्षर बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।