ChhattisgarhINDIAखास-खबर

KCC लोन के नाम पर गंडई के 13 किसानों से 40 लाख की ठगी, दो गिरफ्तार, SBI मैनेजर समेत 2 फरार

खैरागढ़। किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से फर्जीवाड़ा कर लोन निकालने के मामले में 13 किसानों से करीब 40 लाख रूपए की ठगी का केसीजी पुलिस ने पर्दाफाश किया है। कुल पांच आरोपियों के खिलाफ जुर्म दर्ज किया गया है। जिनमें मास्टर माइंस समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इस मामले में एसबीआई गंडई के बैंक मैनेजर और एक आरोपी फरार है। जबकि एक आरोपी की मौत हो चुकी है।

चौंकाने वाली बात यह है कि जिन किसानों के नाम से लोन निकाले गए है, उन्हें मालूम ही नहीं है और उनके नाम से लोन भी जारी हो गया। जब बैंक ने उनसे वसूली के लिए तकादा किया तब जाकर उन्हें खुद से हुई ठगी का पता चला। इससे भी हैरान करने वाली बात यह है आरोपियों के इस करतूत की जानकारी 11 साल बाद पुलिस तक पहुंची। इसके बाद एसपी त्रिलोक बंसल ने मामले की तहकीकात के निर्देश दिए और आरोपी दबोच लिए गए।

जिला केसीजी एसपी त्रिलोक बंसल ने बताया कि इस प्रकरण में ठगी का मास्टरमाइंड ललित शर्मा निवासी पैलीमेटा जो 2019 से फरार था। उसे उरला रायपुर से गिरफ्तार किया गया। दूसरा आरोपी जीवन लाल गोड़ ग्राम बेगरी मोहगांव को गिरफ्तार किया गया है। वहीं एसबीआई के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर अरविंद कुमार देवांगन और प्यारे पार्ते फरार है। जबकि ,निखिल श्रीवास्त्व की मौत हो चुकी है।

पुलिस के अनुसार ललित शर्मा द्वारा कम समय में अधिक पैसा कमाने के लालच में अपने साथी निखिल श्रीवास्तव तथा बैंक कर्मचारी के साथ मिलीभगत करके षडयंत्रपूर्वक मोहगांव थाना क्षेत्र के गरीब एवं भोले भाले किसानों को केसीसी लोन निकलावाने का झांसा देकर किसानों का ऋण पुस्तिका एवं जमीन का कागजात लेकर केसीसी लोन निकलवाकर अलग अलग तरीके से धोखाधड़ी करना स्वीकार किया है।

आरोपी ललित शर्मा किसानों को अलग—अलग तरीके से झांसे में लेकर उनकी ऋण पुस्तिका और जमीन के कागजात लेकर बैंक वालों से ​मिलीभगत कर फर्जी तरी​के से लोन निकाल लेते थे। वे भू—स्वामी की जगह पर अन्य व्यक्ति को खड़ा कर लोन स्वीकृत करा लेते थे।

इस मामले में तत्कालीन बैंक मैनेजर की संलिप्तता भी है। क्योंकि बिना बैंक मैनेजर की सहमति के लोन किसी भी व्यक्ति को नहीं दिया जा सकता। किसान से बैंक आवेदन लेती है, जिसके बाद दस्तावेजों की जांच होती है। कृषि भूमि का निरीक्षण करने बैंक मैनेजर या सक्षम अधिकारी स्पॉट पर जाते हैं। बैंक के वकील से सर्च रिपोर्ट तैयार कराया जाता है। ऐसे कई प्रक्रियाओं से गुजरने के बाद लोन पास किया जाता है।

इन पीड़ितों से हुई धोखाधड़ी

  1. वर्ष 2013 में ग्राम बेलगॉव के मनहरण मेरावी से 1,40,000/- केसीसी पर धोखाधड़ी ।
  2. वर्ष 2013 ग्राम लमरा के लतमार निर्मलकर से एसबीआई व पंजाब बैंक से 04 लाख केसीसी लोन पर धोखाधड़ी ।
  3. वर्ष 2014 में ग्राम खैरा नवापारा निवासी तिभाल मेरावी से 04 लाख रुपये के केसीसी लोन ।
  4. वर्ष 2014 में ग्राम दरबानटोला निवासी लगनी बाई के ऋण पुस्तिका और जमीन का कागजात प्यारे पोर्ते के माध्यम से मंगाकर लगनी बाई का फर्जी वोटर आई डी बनाकर किसी अन्य व्यक्ति को लगनी बाई बनाकर बैंक में उपस्थित कर लगनी वाई के नाम से 2,80,000/- का केसीसी लोन ।
  5. वर्ष 2015 में ग्राम लमरा के लतमार निर्मलकर की बहु देवकी और बेटा देवराम निर्मलकर मेरे पास 5,20,000 रुपये लेकर बैंक में फिक्स डिपॉजिट कराने के नाम पर नगद प्राप्त कर फर्जी पासबुक देकर 5,20,000 रुपये का धोखाधड़ी किया ।
  6. वर्ष 2016 में ग्राम लमरा के तोरन कंवर से एसबीआई गण्डई से 5,00000 रुपये का केसीसी लोन की धोखाधड़ी।
  7. वर्ष 2016 में ग्राम मानपुर के जेटू यादव से 4 लाख रुपये केसीसी लोन कर धोखाधड़ी।
  8. वर्ष 2017 में ग्राम पैलीमेटा के शांतिबाई से 1.70,000 रुपये
    केसीसी लोन कर धोखाधड़ी ।
  9. वर्ष 2017 में गाम दरबनटोला के आजूराम से 4 लाख की धोखाधड़ी ।
  10. 10. वर्ष 2017में गाम डुमरिया के बिरझूराम से 2,50,000 रुपये का धोखाधड़ी ।
  11. वर्ष 2018 में ग्राम वेंगरी के शियाराम ध्रुव से 5 लाख 70 हजार रुपये की धोखाधड़ी ।
  12. वर्ष 2019 में ग्राम दरवान टोला के पुनाराम से 1 लाख 60 हजार रुपये की केसीसी कर धोखाधड़ी
  13. वर्ष 2019 में ग्राम भंडारपुर के रोहित से 1 लाख 80 हजार रुपये की केसीसी लोन के नाम पर धोखाधडी किया गया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page