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शासकीय महाविद्यालय गंडई में जनजातीय गौरव दिवस भव्य रूप से संपन्न

AP न्यूज विश्वराज ताम्रकार जिला ब्यूरो केसीजी

जनजातीय संस्कृति, परंपरा एवं योगदान को किया गया नमन

खैरागढ़/गंडई : शासकीय महाविद्यालय गंडई में दिनांक 12 दिसंबर 2025 को जनजातीय गौरव माह के अवसर पर एक भव्य एवं गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य देश के निर्माण में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक योगदान, उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं एवं मूल्यों को विद्यार्थियों के समक्ष प्रस्तुत करना तथा उनके प्रति सम्मान और गौरव की भावना विकसित करना रहा।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टिकेंद्र धुर्व (तुलसी मानस मंडली, जिला उपाध्यक्ष) रहे। उन्होंने अपने उद्बोधन में जनजातीय महापुरुषों के संघर्ष, त्याग एवं बलिदान पर प्रकाश डालते हुए युवाओं से अपनी संस्कृति एवं परंपराओं को सहेजकर आगे बढ़ाने का आह्वान किया।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में यतीश कुंजाम (जनभागीदारी अध्यक्ष, शासकीय महाविद्यालय गंडई) एवं  महेश बागड़े उपस्थित रहे। उन्होंने जनजातीय समाज की एकता, सामाजिक समरसता तथा शिक्षा के महत्व पर अपने विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. डी. पी. कुर्रे ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज की संस्कृति हमारी राष्ट्रीय धरोहर है और ऐसे आयोजनों से विद्यार्थियों में सांस्कृतिक चेतना एवं सामाजिक जिम्मेदारी का विकास होता है।

कार्यक्रम की संयोजक क्रीड़ाधिकारी अनिता पौषाय॔ रहीं, जबकि सह-संयोजक प्रदीप अमिला (सहायक प्राध्यापक) रहे। कार्यक्रम का सुचारु एवं प्रभावी मंच संचालन डॉ. ओमप्रकाश कौशिक द्वारा किया गया।

इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए पोस्टर प्रतियोगिता, रंगोली एवं गमलो व मटको मे पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिनमें जनजातीय जीवन, परंपराओं, वेशभूषा, लोककला एवं महान व्यक्तित्वों को रचनात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में विद्यार्थियों द्वारा स्वागत नृत्य, बस्तरिया, सरगुजिया, रेलों नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिन्हें दर्शकों ने खूब सराहा।

कार्यक्रम का आयोजन क्रीड़ा विभाग, समाजशास्त्र विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS) के संयुक्त सहयोग से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। कार्यक्रम के अंत में सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन प्रदीप अमिला द्वारा किया गया, जिन्होंने सभी अतिथियों, प्राचार्य महोदय, प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।

यह आयोजन जनजातीय संस्कृति के प्रति सम्मान, जागरूकता एवं गौरव की भावना को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास सिद्ध हुआ।

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