INDIAखास-खबर

छत्तीसगढ़ सरकार में कोई बदलाव नहीं होगा: भूपेश बघेल

नई दिल्ली । पंजाब की तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार में भी जल्द ही नेतृत्व परिवर्तन की चर्चा जोरों पर है। वर्ष 2018 में बनी भूपेश बघेल सरकार के ढाई साल पूरे होने के बाद अब पार्टी हाईकमान मुख्यमंत्री-पद ढाई वर्ष के लिए राज्य के वरिष्ठ नेता एवं स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव को देने पर विचार कर रहा है। मगर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आईएएनएस से सीधी बातचीत में इसका खंडन किया है। भूपेश बघेल ने कहा, “पार्टी ने मुझे उत्तर प्रदेश में एक नई जिम्मेदारी दी है, जिसको देखते हुए मैंने लखीमपुर में हिंसा के बाद वहां जाने का प्रयास किया, लेकिन घटनास्थल पर पहुंच नहीं सका, इसलिए दिल्ली आ गया। जहां तक छत्तीसगढ़ की बात है, फिलहाल ऐसा कुछ भी नहीं होने जा रहा है।”

गौरतलब है कि पिछले एक सप्ताह से करीब 35 विधयाक दिल्ली में मौजूद थे, जो सीएम के इस दिल्ली दौरे के बाद, सोमवार शाम छत्तीसगढ़ के लिए विशेष विमान से रवाना हो गए। जिस तरह से भूपेश बघेल आश्वस्त नजर आ रहे हैं और उत्तर-प्रदेश में मिली नई जिम्मेदारी में व्यस्तता दिखा रहे हैं, उससे साफ है कि छत्तीसगढ़ में फिलहाल कोई नेतृत्व परिवर्तन नहीं होने जा रहा है। इससे पहेल भी जब राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर विवाद गर्माया था तो कांग्रेस आलाकमान ने विवाद को सुलझाने के लिए बीते अगस्त में मुख्यमंत्री बघेल और टी.एस. सिंहदेव को दिल्ली बुलाया था। उस समय प्रदेश के 70 में से 54 विधायकों ने बघेल के समर्थन में दिल्ली का दौरा किया था। फिलहाल एक बार फिर हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा की सीटें हैं, इनमें कांग्रेस के 70 विधायक हैं।

वहीं इससे अलग अपने दिल्ली दौरे की चर्चा करते हुए छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा लखीमपुर मामले में जो भी हुआ वह सवालों के घेरे में है। भूपेश बघेल ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, “किसानों के साथ बर्बरता बेहद दर्दनाक है। ये घटना अंग्रेजों द्वारा 1921 में चंपारण की घटना की याद दिलाती है। कृषि कानून के खिलाफ कई राज्यों की विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित किया गया है, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार इसे नहीं बदलना चाहती।”भूपेश  बघेल ने कहा, “मुझे पार्टी द्वारा उत्तर प्रदेश का ऑब्जर्वर बनाया गया था, इसलिए मैं लखीमपुर जाना चाहता था। मगर मुझे लखनऊ भी उतरने नहीं दिया गया।”

उन्होंने कहा, “सवाल ये उठता है कि क्या उत्तर प्रदेश जाने के लिए पासपोर्ट और वीजा की आवश्यकता है? न प्रियंका गांधी को जाने दिया गया, न मुझे और न ही पंजाब के मुख्यमंत्री को। मैं अब भी प्रयासरत हूं कि मुझे लखीमपुर जाने दिया जाए। हमलोग वहां पीड़ित परिवारों से मिलकर संवेदना व्यक्त करना चाहते हैं।”

“भाजपा अंग्रेजों के नक्शेकदम पर चल रही है.. केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त किया जाना चाहिए, जो लोग उनके साथ थे उनपर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। पीड़ित परिवारों को एक करोड़ रुपये का मुआवजा भी दिया जाना चाहिए। यदि इस प्रकार की घटना छत्तीसगढ़ में होती तो विपक्ष को नहीं रोका जाता।”भूपेश  बघेल ने कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल के नेता किसान विरोधी बयान दे रहे हैं, इससे साफ होता है कि उनकी विचारधारा क्या है।

उन्होंने यह भी कहा, “सुप्रीम कोर्ट के सीटिंग जज के नेतृत्व में इस पूरे मामले की जांच कराई जाए। केंद्रीय मंत्री की ओर से लगातार बयान आ रहे कि सुधर जाओ वरना सुधार देंगे। एक साल पहले यूपी के हाथरस में जो घटना हुई थी, उस पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। केंद्र सरकार की ओर से अब तक इस मामले में किसी तरह का कोई बयान नहीं आया, यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page