आदिवासी बच्चों की अधिकारों का जिम्मेदार व्यक्ति कर रहा हनन


बोड़ला विकासखंड अंतर्गत दलदली से आगे ग्राम पंचायत चेंद्रादादर के गांव धनवाही हैं जो कि मध्य प्रदेश बॉर्डर के समीप लगा हुवा हैं वहां बच्चों और ग्रामीणों से वहां की शिक्षा व्यवस्था के बारे में बातचीत किया तो पता चला कि वहां पर प्राथमिक शाला है जिसमें 40 आदिवासी बच्चे अध्ययनरत हैं पर कुछ दिनों से वहां की शिक्षा व्यवस्था एकदम से ठप हो गया है कारण जानने की कोशिश किया तो ग्रामीणों और बच्चों ने बताया कि विद्यालय 15 अगस्त के बाद से अब तक नहीं खुला है जिससे वहां के बच्चे शिक्षा से बहुत दूर हो रहे हैं विद्यालय न खुलने की वजह से बच्चे जंगलों में घूमते रहते हैं ग्रामीणों ने बताया कि जोहन बैगा जो कि वहां पर शिक्षक के रूप में नियुक्त है लेकिन 15 अगस्त के बाद से अभी तक विद्यालय नहीं खुला है ग्रामीणों ने दूरभाष के माध्यम से शिक्षक से संपर्क करने की कोशिश की तो शिक्षक ने कुछ दिन बाद खोलूंगा करके बहाना बनाने लगा l फिर उसके कुछ दिन बाद फिर लोगों ने फोन के माध्यम से शिक्षक से संपर्क किया तो कहने लगा कि जहां शिकायत करनी है कर दो मैं स्कूल नहीं खोलूंगा यह कहते हुए फोन काट दिया साथ ही विद्यालय में पेयजल नल की भी सुविधा नहीं है जिससे बच्चों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है जबकि वहां विद्यालय के समीप समुदायिक भवन एवं आंगनबाड़ी भी है अगर इसी तरह शिक्षा का हाल बना रहा तो आदिवासी बच्चे शिक्षा और स्वास्थ्य से वंचित होते जाएंगे l
