,,,,स्वस्थ,स्वक्ष, समृद्ध देश बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ नेताओं की नही है ये जिम्मेदारी हम सब की है,,,
,,,छत्रपाल ठाकुर की कलम से,,,
स्वस्थ स्वक्ष समृद्ध देश बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ नेताओं की ही नही हम सब की है आज हम स्वतन्त्र भारत के नागरिक है हमारा अपना सविधान है जिसका एक दायरा है उसके तहत हमे अपनी जिम्मेदारी निभानी है।हम अपना बहुमूल्य मत दे कर किसी एक पार्टी एक ब्यक्ति के हाथों अपना और अपने देश का भविष्य सोप देते है,फिर हम अपनी जिम्मेदारी भूल जाते हैं।हमारा यही भरोसा देश के लिए खतरा बन जाता है
झूठे वादों के साथ दरवाजे पर हाथ फैलाये वोट मांगने वाले ये सफेद पोश सत्तासीन होने के बाद उन्ही अमूल्य मत का दान करने वाले मतदाताओं को अपने ही दरवाजे पर कतार में खड़े कर देते हैं वो भूल जाते हैं कि जो राजसी सुविधा उन्हें मिल रही है उनके पिताजी का नही जनता का पैसा है सत्ता के मद में चूर नेता ये भूल जाते हैं कि जो शिर्ष आसन पर बिठाना जानता। है वो उसे जमीन पर उतारना भी। जानता है।इनके जन विरोधी फैसलों के चलते सरकारे बदलती है रष्ट्रीय राजनीतिक दलों के गलत नीतियों के चलते ही छेत्रीय पार्टियों का जन्म होता है जो आज भी देश के लिये घातक है
धर्म और जाति पर राजनीति करने वाले नेता नही चाहिये भारत को राष्ट्रवादी नेता चाहिए,,,,
न सरकार मेरी है न रब मेरा है न कोई बड़ा सा नाम मेरा है मुझे गर्व है कि मैं भारत का हूँ और भारत मेरा है।आज हम महिला सुरक्षा के मामले में 4थे नम्बर पर हैं हमे सोचना होगा कि गरीबों को दान दे या काम दें गरीबों को दान दे कर उनके गरीबी का मजाक उड़ाने के बजाय उन्हें काम देना सही होगा अगर दान देना है तो रक्त दान,,,
शरीर दान ये होगा सच्चा राष्ट्रवाद
आज हम उस भारत में जी रहे है जिसकी गिनती विश्व के टॉप 5 शक्तिशाली देशों में गिनती होती है लेकिन हम क्या करते हैं आज भी हमारे भारत में पत्थर की मूर्तियों को 56 भोज लगते हैं और लाखों गरीब भूखे पेट सोते हैं।नवजवान आज भी अपना कर्म छोड़ मंदिरों में भगवान से सौदा करता है क्या ये रास्ता राष्ट्र निर्माण का हो सकता है।
दुनिया के नजर में हम सबसे बड़े लोक तांत्रिक देश हैं यहां हिन्दू,,मुस्लिम,सिक्ख,ईसाई, सभी पैदा होते हैं।लेकिन आज के परिवेश में इंसान पैदा नही होते हमारे भारत को न हिन्दू की जरूरत है न मुसलमान की जरूरत है तो सिर्फ इंसान की देश अपने आप तरक्की के राह पर चल पड़ेगा।सोचिये अगर परिंदे भी हिन्दू और मुसलमान पैदा होने लगें तो उन वृक्षों का क्या होगा खदेड़ दो उन सत्ता लोभी लोगों को जो धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगते हैं हिन्दू,,मुस्लिम कट्टर पन्तियों को उनकी औकात बताइये बताइये हम भारतीय हैं
सच्चे राष्ट्र निर्माण के लिए हमे पुरानी परंपराओं से बाहर आना पड़ेगा विश्वास तो करना चाहिए लेकिन अंध विश्वास नहीं।एक दूसरे के धर्मों का सम्मान करना होगा।ये वो भारत है जिसने नालन्दा,, त्क्कछशिला जैसे विश्वविद्यायल दिए लेकिन आज हमारा नाम दुनिया के 100विश्वविद्यालयों में नहीं है आखिर क्यों।आज फिर पटेल,गांधी शास्त्री इंदिरा,अटल की कमी महसूस हो रही है जिन्होंने अपनी राष्ट्र के प्रति समर्पण को देश के सामने प्रस्तुत किया,,महगांई,बेरोजगारी,अर्थव्यवस्था,शासकीय सम्पत्ति का निजीकरण सब को ख़तम करदे आॅज राष्ट्रवादी पथ संचालक नेता की आवश्यकता है पहले देश बलिदान मांगता था देश काल आेर परिस्थिति की मांग थी लेकिन आज भारत माता आजाद होने के बाद भी अंगड़ाई नहीं ले पा रही है भारत माता को एक सच्चे राष्ट्र प्रेमी राष्ट्रवादी सपूत की आवश्यकता है जो हिन्दू हो न मुसलमान हो सिर्फ आेर सिर्फ एक अच्छा इंसान हो वो देखेगा अखंड भारत का सपना आेर पूरा करेगा।भारत मां के चरणों में यही सच्चा समर्पण होगा
फिर देख लेना पाकिस्तान भी एक दिन जय हिन्द कहेगा,,,तब दुनिया भी नतमस्तक होगी मां भारती के आगे