Kabirdhamखास-खबरपंडरिया

पंडरिया बिरहुलडीह के आश्रित ग्राम कुंडापानी में जल जीवन मिशन की असली तस्वीर सरकार के जश्न पर बड़ा सवाल खड़ा।

पंडरिया कुकदूर वनांचल क्षेत्र के ग्राम पंचायत बिरहुलडीह के आश्रित ग्राम कुंडापानी में जल जीवन मिशन की असली तस्वीर सरकार के जश्न पर बड़ा सवाल खड़ा कर रही है। छत्तीसगढ़ जहां राज्य स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर रजत जयंती मना रहा है, वहीं सिर्फ कुछ किलोमीटर दूर बसे इस वनांचल गांव में लोग आज भी बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने गांव में पेयजल आपूर्ति के नाम पर दो बड़े सिंटेक्स टैंक तो खड़े कर दिए, लेकिन जहां बोर किया गया वहां बेहद कम पानी निकल रहा है, जिसके कारण टंकी चार महीने से एक बार भी पूरी नहीं भर पाई।सबसे बड़ी बात—टंकी तैयार हुए भी चार महीने बीत चुके हैं, लेकिन न पाइपलाइन बिछाई गई और न ही किसी घर में नल लगाया गया। सरकारी फाइलों में योजना ‘पूर्ण’ दिखा दी गई, लेकिन जमीन पर न पानी है, न सुविधा।गांव के लोग आज भी मजबूरी में छोटे कुएं और झिरिया के दूषित पानी से ही अपनी प्यास बुझा रहे हैं। यह हाल तब है जब यहां विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लोग निवास करते हैं—वही समुदाय, जिन्हें देश के राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र परिवार कहा जाता है।देश अमृत काल का उत्सव मना रहा है, छत्तीसगढ़ रजत जयंती मना रहा है, लेकिन पंडरिया के वनांचल में बसे इन परिवारों तक सबसे बुनियादी सुविधा—पानी—तक नहीं पहुंच पाई।‘हर घर नल जल’ योजना यहां दम तोड़ चुकी है। टंकी भी सूखी, पाइपलाइन भी गायब और नल कनेक्शन का नामोनिशान तक नहीं। जो योजनाएं इन आदिवासी परिवारों के लिए राहत लेकर आनी थीं, वे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर कागजों में चमक रही हैं।ग्रामीणों ने बताया कि जब भी अधिकारी आते हैं, सिर्फ फोटो खिंचवाकर चले जाते हैं, लेकिन पानी अब भी सिर्फ वादों में मिलता है, वास्तविकता में नहीं।पंडरिया के इस वनांचल की स्थिति यह बताने के लिए काफी है कि विकास के दावों का वास्तविक सच कितनी गहराई में दफन है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page