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मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता वर्ष में कबीरधाम की बड़ी पहल, ब्लूप्रिन्ट आधारित होगी त्रैमासिक, अर्द्धवार्षिक परीक्षा

कलेक्टर गोपाल वर्मा की पहल पर शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन के लिए विषय विशेषज्ञों की महती बैठक सम्पन्न

कवर्धा, 7 सितंबर 2025। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में शिक्षा गुणवत्ता वर्ष 2025-26 के तहत प्रदेशभर में शिक्षा की गुणवत्ता उन्नयन के लिए गहन कार्ययोजना तैयार की जा रही है। इसी कड़ी में कलेक्टर गोपाल वर्मा के निर्देशन में कबीरधाम जिले में विद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता को नई ऊँचाई देने के उद्देश्य से विशिष्ट विषय विशेषज्ञों की महती बैठक सह प्रशिक्षण का आयोजन 6 सितंबर को स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कूल, रानी दुर्गावती चौक, कवर्धा में किया गया।

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेश में शिक्षा गुणवत्ता वर्ष को ऐतिहासिक रूप देने का आह्वान किया गया है। उनके विज़न को मूर्त रूप देते हुए कलेक्टर गोपाल वर्मा ने जिले में शिक्षा के हर स्तर पर गुणवत्ता सुधार की ठोस कार्ययोजना पर बल दिया जा रहा है।
कलेक्टर श्री वर्मा ने कहा कि हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना होगा कि जिले का कोई भी बच्चा परीक्षा में पिछड़े नहीं, बल्कि अपनी क्षमता के अनुरूप उत्कृष्ट परिणाम अर्जित करे। बैठक में उपस्थित शिक्षकों ने भी सकारात्मक रूप से चर्चा करते हुए कहा कि मेरा पढ़ाया बच्चा फेल नहीं हो सकता है। यह विचार जिले की शिक्षा गुणवत्ता उन्नयन अभियान का मुख्य सूत्र वाक्य बनकर उभराना चाहिए।
स्वामी आत्मानन्द स्कूल में आयोजित बैठक में प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी स्तर तक के कुल 80 विषय विशेषज्ञ शिक्षकों ने भाग लिया। इस अवसर पर जिला शिक्षा अधिकारी एफ.आर. वर्मा, सहायक संचालक एम.के. गुप्ता, यू.आर. चन्द्राकर, डी.जी. पात्रा, सतीश यदु (एम.आई.एस.), प्रशासक और विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी उपस्थित रहे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि त्रैमासिक परीक्षा 22 से 27 सितंबर 2025 के मध्य आयोजित होगी, जिसके लिए ब्लूप्रिन्ट आधारित प्रश्नपत्र तैयार किए जाएंगे। विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को 40 प्रतिशत पाठ्यक्रम के आधार पर एक सप्ताह के भीतर प्रश्नपत्र तैयार करने के निर्देश दिए गए। साथ ही, प्रश्नपत्र निर्माण में अंक विभाजन, प्रश्नों का आकार-प्रकार, उत्तर लेखन की शब्द सीमा और गुणवत्ता परक प्रस्तुति की विशेष जानकारी साझा की गई।
जिला शिक्षा अधिकारी एफ.आर. वर्मा ने बताया कि बैठक में यह भी तय किया गया कि परीक्षोपरांत परिणामों के विश्लेषण के आधार पर दूसरी पालक-शिक्षक मेगा बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें शैक्षिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं का संचालन कर उपचारात्मक शिक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। वहीं प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को राज्य स्तरीय मेरिट सूची में स्थान दिलाने हेतु विशेष मार्गदर्शन सत्रों का आयोजन भी विद्यालय स्तर पर किया जाएगा।

जिला शिक्षा अधिकारी एफ.आर. वर्मा ने बताया कि जिले में शिक्षा सत्र के आरंभ से ही नवाचारी गतिविधि “प्रत्येक दिवस एक कालखंड नियमित लेखन अभ्यास” लागू की गई है। इसके माध्यम से विद्यार्थियों की लिखावट को आकर्षक, सुडौल और त्रुटिहीन बनाते हुए उनकी लेखन गति व गुणवत्ता में सुधार लाया जा रहा है।

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